हाइलाइट्स
- तीन खुराक वाला टीका है जायकोव-डी
- अभी के टीकों की तुलना में अलग होगा मूल्य
- स्वदेशी रूप से विकसित है सुई-मुक्त टीका
सरकार ने गुरुवार को कहा कि जायडस कैडिला के टीके जायकोव-डी को बहुत जल्द वैक्सीनेशन अभियान में शामिल किया जाएगा। यह स्वदेशी रूप से विकसित सुई-मुक्त कोविड-19 रोधी वैक्सीन है। वर्तमान में उपयोग किए जा रहे टीकों की तुलना में इसका अलग मूल्य होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि जहां तक इसके खरीद मूल्य का सवाल है, तो उसे लेकर सरकार निर्माता के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा, ‘जहां तक वैक्सीन की कीमत का सवाल है, जिस पर इसे खरीदा जाएगा, हम निर्माता के साथ बातचीत कर रहे हैं। चूंकि यह तीन-खुराक वाला टीका है और एक सुई रहित वितरण प्रणाली के साथ आता है, इसलिए इसकी कीमत में मौजूदा समय में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में उपयोग किए जा रहे टीकों की कीमत से अंतर होगा।’
भूषण ने कहा, ‘इसे बहुत जल्द कोविड टीकाकरण अभियान में शामिल किया जाएगा।’
कोवैक्सीन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी के संबंध में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, ‘हम जानते हैं कि वैज्ञानिक आंकड़ा, सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी विचार और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आवश्यकताओं पर विचार किया जाता है, जिस पर डब्ल्यूएचओ की ओर से मंजूरी दी जाती है। ये सभी उपलब्ध कराए गए हैं और उन पर गौर किया जा रहा है। डब्ल्यूएचओ उसी के अनुरूप फैसला करेगा।’
जायकोव-डी को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है। इसे 12 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों को दिया जाएगा।
कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पूतनिक-वी टीके केवल 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को दिए जा रहे हैं। इनकी दो खुराक दी जाती हैं। जबकि इसके विपरीत जायकोव-डी तीन-खुराक वाला टीका है।