हाइलाइट्स
- योगी का मास्टर स्ट्रोक, कैबिनेट विस्तार में साधा जातियाें का गणित
- यूपी चुनाव 2022 को ध्यान में रखकर किया गया कैबिनेट विस्तार
- नए मंत्रियों में एक ब्राह्मण, तीन ओबीसी, तीन एससी-एसटी
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले रविवार को योगी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। जितिन प्रसाद सहित सात मंत्रियों ने शपथ ली। इस मंत्रिमंडल विस्तार को देखकर साफ कहा जा सकता है कि जातियों के साथ इलाकों को भी साधने की पूरी कोशिश की गई है। इसके जरिये सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रोडमैप पेश कर दिया है। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने नए मंत्रियों को शपथ दिलाई।
नए मंत्रियों में सवर्ण, ओबीसी और एसी-एसटी सभी का प्रतिनिधित्व है। यहां खास बात यह है कि मंत्रियों के चयन में इलाकों का भी बड़ी सावधानी से सेलेक्शन किया गया है। प्रदेश के हर कोने को समेट लेने की कोशिश की गई है। योगी के मंत्रिमंडल में शामिल नए चेहरों में कोई चौंकाने वाला नहीं है। रविवार को जिन्होंने शपथ ली, उन सभी के बारे में पहले से चर्चा थी।
यूपी मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल चेहरे
नाम | इलाका | जाति |
जितिन प्रसाद | शाहजहांपुर | ब्राह्मण – सवर्ण |
संगीता बलवंत बिंद | गाजीपुर | मल्लाह – ओबीसी |
धर्मवीर प्रजापति | आगरा | कुम्हार – ओबीसी |
पलटूराम | बलरामपुर | अनुसूचित जाति- खटीक |
छत्रपाल गंगवार | बरेली | कुर्मी – ओबीसी |
दिनेश खटीक | मेरठ | दलित – खटीक |
संजय गोंड | सोनभद्र | अनुसूचित जनजाति – एसटी |
मंत्रिमंडल विस्तार से पहले तक योगी कैबिनेट में 53 मंत्री थे। इनमें 23 कैबिनेट मंत्री थे। 9 के पास स्वतंत्र प्रभार था। 21 राज्यमंत्री थे। अब इसमें सात और मंत्री शामिल हो गए हैं। कैबिनेट विस्तार से संकेत मिलता है कि चुनाव से पहले भाजपा कोई फ्रंट छोड़ना नहीं चाहती है। सीएम योगी ने अपनी चुनावी स्ट्रैटेजी में सभी को शामिल कर लिया है। ब्राह्मण, दलित और ओबीसी सभी को साधा गया है।
सात नए मंत्रियों में तीन SC/ST समुदाय से आते हैं। यानी नए मंत्रियों में करीब 50 फीसदी प्रतिनिधित्व इन्हें मिला है। तीन ही अन्य पिछड़ा वर्ग के हैं। जितिन प्रसाद के रूप में एक ब्राह्मण चेहरे को शामिल किया गया है। इस तरह कहा जाए तो किसी भी वर्ग को छोड़ा नहीं गया है। यह भाजपा के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को बड़ी चोट है। यह मंत्रिमंडल विस्तार चुनावी गुणा-गणित को देखकर किया गया है। इसके जरिये यह भी संदेश देने की कोशिश की गई है कि भाजपा किसी एक या दो वर्ग या समुदायों के तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करेगी। उसका विजन व्यापक है और वह इसी को साथ लेकर चुनावी मैदान में उतरेगी।
कैबिनेट विस्तार में जितिन प्रसाद का शामिल होना लगभग तय था। इसके जरिये भाजपा ब्राह्मण वोटरों को साधने की कोशिश करेगी। कांग्रेस से सालों पुराना नाता तोड़ जितिन हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे। यूपीए सरकार में वह इस्पात राज्य मंत्री रह चुके हैं। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। वह सबसे पहले शाहजहांपुर से चुनाव जीते थे।
यहां जातियों के अलावा दूसरी गौर करने वाली बात मंत्रियों के इलाके हैं। बड़ी चतुराई के साथ प्रदेश के तकरीबन हर कोने को कवर किया गया है। मेरठ से गाजीपुर और आगरा से बलरामपुर तक राज्य के हर फ्रंट को घेरा गया है। इस तरह योगी ने अगले चुनावों के लिए अपना रोडमैप भी जाहिर कर दिया है। यह संकेत देता है कि राज्य का कोई इलाका अछूता नहीं रहने वाला है। भाजपा पूरी धमक के साथ चुनावी मैदान में उतरने वाली है।
यह मंत्रिमंडल विस्तार निश्चित ही विरोधियों में बेचैनी पैदा करेगा। कारण है कि ज्यादातर का फोकस अभी किसी एक-दो वर्गों या समुदायों पर है। वो इनके बूते भाजपा के चुनावी गणित को बिगाड़ना चाहती हैं। भाजपा ने ऐसा पैंतरा चल दिया है कि विरोधियों को अपनी स्ट्रैटेजी पर दोबारा मंथन करना पड़ेगा।