जंतर-मंतर पर नफरती नारेबाजी के आरोपी पिंकी चौधरी ने मंगलवार को दिल्ली के मंदिर मार्ग थाने में सरेंडर कर दिया। समर्थकों के भारी हुजूम के साथ पहुंचे पिंकी का भीड़ ने सरेंडर से पहले माला पहनाकर और कंधे पर बिठाकर स्वागत किया। ऐसा पहली बार नहीं है जब पिंकी चौधरी का नाम किसी गलत वजह से सुर्खियों में है, इससे पहले भी कई विवादों में उसका नाम आ चुका है। आइए आपको बतातें है कि कौन है पिंकी चौधरी और क्या है उसका इतिहास…
कौन है पिंकी चौधरी?
भूपेंद्र शर्मा उर्फ पिंकी चौधरी या पिंकी भैया। गाजियाबाद का रहने वाले पिंकी ने एक बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमले की कोशिश की थी। पिछले साल जेएनयू में हुई हिंसा की जिम्मेदारी भी पिंकी चौधरी ने ली। वह हिंदू रक्षा दल नाम के एक संगठन से जुड़ा है। चौधरी ने ही 2013 में यह संगठन बनाया था। पिछले साल तक इसके 1 लाख रजिस्टर्ड सदस्य थे। ज्यादातर सदस्य दिल्ली-एनसीआर से आते हैं।
विवादों से रहा है पुराना नाता
जनवरी 2014 में इस संगठन पर आम आदमी पार्टी के कौशाम्बी दफ्तर पर हमले का आरोप लगा। उस मामले में पुलिस ने चौधरी और अन्य को गिरफ्तार किया था। पिछले साल जेएनयू परिसर में छात्रों से मारपीट की जिम्मेदारी भी पिंकी चौधरी ने ली थी। हालांकि इस हमलें में पिंकी का हाथ होने की पुष्टि नहीं हो पाई है। चौधरी सुर्खियों में बने रहने के लिए कुछ ना कुछ विवादित करता रहता है, बताया जाता है कि इसके खिलाफ दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग थानों में 7-8 केस दर्ज हैं।
जब लाइव टीवी पर दे डाली धमकी
पिंकी चौधरी कुछ दिन पहले एक न्यूज चैनल पर लाइव था। वहां चौधरी ने अपनी फरारी को लेकर कहा था, ‘हम कहां छिप रहे हैं? रात को दो बजे 50 पुलिसवाले हमारे घर क्यों जा रहे हैं? हमने ऐसा क्या गुनाह कर दिया है?’ चौधरी ने दावा किया कि उसने भड़काऊ नारे नहीं लगाए थे। जब उनसे सवाल किए गए तो उनके तेवर तीखे हो गए। उसने कहा, ‘दूसरे लोग नहीं मानते हैं तो हम मनवाने का काम करते हैं।’
अल्पसंख्यक आयोग ने पुलिस को दिया था नोटिस
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने इस मामले में पुलिस को नोटिस जारी किया है। आयोग ने कहा कि इस घटना को लेकर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। आयोग के उपाध्यक्ष आतिफ रशीद के नोटिस में पुलिस उपायुक्त से सवाल किया गया था कि मुस्लिम विरोधी नारेबाजी करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है?
पुलिस हिरासत में पिंकी चौधरी