संसद का मॉनसून सत्र समय से पहले ही समाप्त हो गया और पूरे सत्र के दौरान हंगामा देखने को मिला। मॉनसून सत्र के समाप्त होने के बाद विपक्षी दलों के नेता गुरुवार राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में सभापति एम. वेंकैया नायडू से मिले। इस मुलाकात के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार राज्यसभा में हुई घटना को लेकर भी कई सवाल खड़े किए।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार ने कई बिल हाउस ऑर्डर में न रहते हुए भी पास करा लिए। हर 10 मिनट में एक बिल पास हो गया और बोलने का मौका नहीं मिला। कानूनों की कमियों को बताने के लिए समय नहीं दिया गया। हमने संविधान संशोधन बिल को समर्थन दिया मकसद यही था कि सदन ठीक से चले।
खड़गे ने कहा कि सदन में हमेशा प्रोटेस्ट होते हैं, वेल में जाते हैं, लेकिन सरकार ने ऐसा इंतजाम कर लिया था कि 50-60 मार्शल को बाहर से लाया गया। वो कौन थे, क्या थे, किसको मालूम? उसी तरह से 15-20 महिलाओं को लाया गया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी पार्टियों के नेताओं और वरिष्ठ नेता शरद पवार ने भी सदन में जो घटनाएं घटीं उसके बारे में सभापति को बताया। हम धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने हमारी बात सुनी।
खड़गे ने कहा कि उनको जो भी सूचना मिलती है वो एक तरफ की ना हो इस लिए हम आज मेमोरेंडम लेकर पहुंचे थे। उपराष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, सपा नेता राम गोपाल यादव और राजद के मनोज झा भी मौजूद रहे। वहीं आज राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक करने के बाद विपक्षी नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया।