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नई दिल्ली
हाल में हुए पांच राज्‍यों के चुनाव में प्रचार पर पार्टियों ने पानी की तरह पैसा बहाया है। पश्चिम बंगाल में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौटने वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने प्रदेश में इस साल हुए विधानसभा चुनावों में चुनाव प्रचार पर 154.28 करोड़ रुपये खर्च किए। वहीं, तमिलनाडु में चिर प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक से सत्ता छीनने वाली द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) ने राज्य के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में चुनाव प्रचार पर 114.14 करोड़ रुपये (1,14,14,08,525 रुपये) से ज्‍यादा खर्च किए। चुनावी खर्च का ब्‍योरा देते हुए इन पार्टियों ने चुनाव आयोग को यह जानकारी दी है।

कुछ महीने पहले असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए थे। आयोग ने राजनीतिक दलों के इन खर्चों का विवरण अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया है। हालांकि, हैरत की बात यह है कि भाजपा की ओर से इन राज्यों में विधानसभा चुनाव में प्रचार पर किया गया खर्च अब तक उपलब्ध नहीं हो पाया है।

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चुनाव से पहले तमिलनाडु में सत्ता पर काबिज अन्नाद्रमुक ने विधानसभा चुनावों में प्रचार पर 57.33 करोड़ (57,33,86,773) रुपये खर्च किए। इसमें पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव में प्रचार पर किए गए खर्च भी शामिल हैं।

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असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 84.93 करोड़ (84,93,69,986) रुपये प्रचार पर खर्च किए। इसी प्रकार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव प्रचार पर 13.19 करोड़ रुपये खर्च किए।

तृणमूल कांग्रेस, भाकपा और कांग्रेस मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी हैं, जबकि द्रमुक और अन्नाद्रमुक की मान्यता क्षेत्रीय दल के रूप में है।

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