केरल के त्रिशूर निवासी जोसेटन के लिए शनिवार का दिन यादगार रहा जब वह पहली गिरती बर्फ के बीच हिमालय की पहाड़ियों पर पहुंचे। जीवन के 80 साल पूरे कर चुके जोस ने केरल से लद्दाख तक 4500 किलोमीटर तक की यात्रा साइकल से पूरी की। अपने 80वें जन्मदिन पर की गई इस ऐतिहासिक यात्रा में उनके सहयोगी गोकुल पी.आर. ने साथ दिया।
त्रिशूर के स्थानीय निवासी जोस ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि वह दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड खारदुंगला से 34 किलोमीटर दूर हैं। शनिवार को अचानक से शुरू हुई बर्फबारी की वजह से वह अभी आगे की यात्रा पूरी नहीं कर सके हैं। उनके साथ आए गोकुल 2013 में भी एक बार ऐसी यात्रा कर चुके हैं। गोकुल की पत्नी और 14 साल की बेटी फ्लाइट से लद्दाख पहुंची और फिर आगे की यात्रा उन्होंने जॉइन किया।
त्रिशूर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से प्लंबर की पोस्ट से रिटायर हुए जोश ने बताया कि उन्हें साइकिलिंग ट्रिप के दौरान स्वास्थ्य की कोई बड़ी समस्या नहीं हुई। हां, लेह पहुंचने पर ऑक्सिजन की कमी महसूस हुई। लेकिन सहयोगियों ने उन्हें ऑक्सिजन की आर्टिफिशल सप्लाई मुहैया कराई। पांचवी क्लास से ही साइकल चला रहे जोस ने बताया कि वह पहले भी इस तरह की यात्राएं कर चुके हैं। लेकिन यह उनके जीवन की अभी तक की सबसे लंबी यात्रा है।
साइक्लिंग के अलावा जोस मैराथन और स्विमिंग में भी हिस्सा लेते रहते हैं। जोस की पत्नी और 3 बच्चों में उनकी इस अचीवमेंट को लेकर उत्साह तो है लेकिन सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर चिंता भी है। जोस के साथ गए गोकुल के भाई भारतीय सेना में ब्रिगेडियर हैं, जिनकी मदद से उन्हें हाई सिक्यॉरिटी इलाकों और दुर्गम जगहों को पार करने में मदद मिली।
खारदुंगला पहुंचे जोस