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हाइलाइट्स

  • अफगानिस्‍तान में तालिबान राज के बाद बढ़ा है लश्‍कर-जैश का हौसला
  • आतंकी साजिश में पाकिस्‍तान की दिख रही है साफ करतूत
  • पिछले कई दिनों से भारत जताया आया है सुरक्षा संबंधी चिंता

नई दिल्‍ली
दिल्‍ली, उत्‍तर प्रदेश, महाराष्‍ट्र समेत कई जगहों को दहलाने की बड़ी साजिश नाकाम हुई है। इसके तार पाकिस्‍तान से जुड़े हैं। इस साजिश को अंजाम देने के लिए देशभर में जाल फैलाया गया था। पकड़े गए आतंकियों में से 2 ने पाकिस्‍तान में ट्रेनिंग ली है। इनकी उम्र 22 से 43 साल के बीच बताई जा रही है। इस साजिश का भले भंडाफोड़ हो गया है। लेकिन, इसने सुर‍क्षा चिंता बढ़ा दी है। अगर ये अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते तो न जाने कितनी बड़ी तबाही देखने को मिलती।

अफगानिस्‍तान में तालिबान की सरकार बनने के बाद से ही इस बात का अंदेशा था कि पाकिस्‍तान भारत के खिलाफ अपनी गतिविधियों को बढ़ाएगा। भारत भी बार-बार यह चिंता जताता आया है कि अफगानिस्‍तान की जमीन का इस्‍तेमाल भारत के लिए खिलाफ नहीं होना चाहिए। तालिबान की नई सरकार भी अब तक यही भरोसा देती आई है।

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हालांकि, जिस तरह अफगानिस्‍तान की सरकार को बनवाने में खुलकर पाकिस्‍तान की भूमिका सामने आई थी। उसे देखकर पाकिस्‍तान की खुराफात बढ़ने का पहले ही अंदेशा जताया जाने लगा था। अफगानिस्‍तान की नई सरकार बनने के बाद से लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्‍मद जैसे तमाम आतंकी संगठनों का भी मनोबल बढ़ा हुआ है। वह मानने लगे हैं कि जब सुपरपावर अमेरिका ने तालिबान के सामने हथियार रख दिए तो भला किसी और की क्‍या बात है। फिर पाकिस्‍तान के रूप में उसके ऊपर हाथ रखने के लिए आका तो है ही। आशंका है कि पाकिस्‍तान इन आतंकी समूहों का इस्‍तेमाल भारत के खिलाफ कर सकता है।

पाकिस्‍तान बना टेरर फैक्‍ट्री
भारत पर आतंकी खतरे की अटकलें तभी लगने लगी थीं जब पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का प्रमुख फैज हामिद सरकार गठन से पहले काबुल पहुंच गया था। उसके इशारों पर ही वहां सरकार का गठन हुआ। आतंकी संगठन हक्‍कानी नेटवर्क के सिराजुद्दीन हक्‍कानी के गृहमंत्री बनने के पीछे उसी का हस्‍तक्षेप माना जाता है। सिराजुद्दीन भारत में वॉन्‍टेंड टेरेरिस्‍ट की लिस्‍ट में है।

पाकिस्‍तान में आज भी सैकड़ों टेरर कैंप चल रहे हैं जहां से दुनियाभर में आतंकियों की सप्‍लाई होती है। भारत को सुरक्षा का सबसे ज्‍यादा खतरा कश्‍मीर घाटी में है। अफगानिस्‍तान से लौटते हुए अमेरिकी सैनिक हथियारों का बड़ा जखीरा पीछे छोड़ गए हैं। इनका पाकिस्‍तान के जरिये भारत के खिलाफ इस्‍तेमाल हो सकता है।

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देशभर में फैलाया था नेटवर्क
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी से उसे भारत के कुछ प्रमुख शहरों में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश का इनपुट मिला था। यह बॉर्डर के उस पार से है। देखा गया कि ये कई राज्यों में फैला काफी बड़ा नेटवर्क है। सुबह कई राज्यों में रेड की गई। बताया गया कि सबसे पहले महाराष्ट्र के रहने वाले समीर नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। उसे कोटा में एक ट्रेन से गिरफ्तार किया गया। 2 लोग दिल्ली में गिरफ्तार हुए। यूपी एटीएस के साथ मिलकर वहां से 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

आतंकियों ने किया बड़ा खुलासा
गिरफ्तार आतंकियों ने कहा है कि उनके समूह में 14-15 बांग्ला भाषी लोग भी थे। इन्‍हें शायद इसी तरह के प्रशिक्षण के लिए लिया गया था। पुलिस ने बताया कि ऐसा लगता है कि इस ऑपरेशन को सीमा पार से बारीकी से कॉर्डिनेट किया गया था। दो टीमें थीं। इनमें से एक को दाऊद इब्राहिम का भाई अनीस इब्राहिम कॉर्डिनेट कर रहा था। टीम हवाला के जरिये फंड जुटाने की दिशा में भी काम कर रही थी।

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