हाइलाइट्स
- विभिन्न जगहों से गिरफ्तार छह संदिग्ध आतंकियों से पूछताछ चल रही है
- आतंकियों ने बताया है कि अलग-अलग राज्यों में रेकी कर ली गई थी
- आतंकियों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चुनावी रैलियां भी निशाने पर थीं
दिल्ली पुलिस की स्पेशल के गिरफ्त में आए संदिग्ध आतंकियों ने राज उगलना शुरू कर दिया है। विभिन्न सूत्रों से मिल रही खबरों के अनुसार पूछताछ में सामने आया है कि आतंकियों ने कई जगहों की रेकी कर ली थी और कुछ जगहों पर विस्फोटक भी पहुंचाए जा चुके थे।
मुंबई की लाइफ लाइन पर था निशाना
आतंकियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि मुंबई की ‘लाइफ लाइन’ लोकल ट्रेनों के अलावा महाराष्ट्र में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को दहलाने की साजिश थी। अब रेलवे कमिश्नर, डीआरएम समेत आला अफसरों की मीटिंग होनी है। वो यह पता करने की कोशिश करेंगे कि क्या आतंकी गतिविधियां रेकी तक ही सीमित थीं या फिर कहीं विस्फोटक भी रखे जा चुके हैं। महाराष्ट्र के अलावा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में भी कई जगहों की रेकी की गई थी।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके लिए नेताओं की रैलियां होने लगी हैं। आने वाले दिनों में चुनाव प्रचार का काम जोर पकड़ने की संभावना में भारी भीड़ के बीच धमाका करने की प्लानिंग की गई थी। बहरहाल, यूपी के डीजीपी प्रयागराज पहुंच गए हैं। वहीं के करेली इलाके से 28 वर्षीय जीशान कमर की गिरफ्तारी हुई है।
भीड़ में धमाके की थी प्लानिंग
गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में स्पष्ट हो गया है कि आंतकियों की प्लानिंग ऐसे मौके की तलाश थी जब ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाकर बड़े पैमाने पर खौफ फैलाया जा सके। इसके लिए चुनावी रैलियों के अलावा नवरात्र समेत अन्य त्योहारों के दौरान विस्पोट करने की प्लानिंग बनी थी। यही वजह है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इन आतंकियों पर आगे भी नजर रखने के बजाय गिरफ्तार करने में ही भलाई समझे। स्पेशल सेल को लगा कि अब आतंकियों को धमाके के मुफीद मौके मिल सकते हैं। उसकी पूछताछ में आतंकियों ने तीन और साथियों की पहचान उजागर कर दी है जो अभी गिरफ्त से बाहर हैं।
इस टीम ने दबोचे आतंकी
बहरहाल, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने छह संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़कर बड़े हमले को टाल दिया है। एसीपी ललित मोहन नेगी और हृदय भूषण के नेतृत्व में ऑपरेशन का संचालन किया गया। टीम में इंस्पेक्टर सुनील रजैन, रविंदर जोशी और विनय पाल भी शामिल थे। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने मंगलवार दोपहर में स्पेशल सेल के ऑपरेशन की समीक्षा की।
डी कंपनी और आईएसआई को तमाचा
पाकिस्तान में बैठा भारत का भगोड़ा दाऊद इब्राहिम मुंबई हमले जैसी ही खौफनाक वारदात को अंजाम देने की फिराक में था। पकड़े आतंकियों में दो को पाकिस्तान के उसी थट्टा इलाके में ही हथियारों की ट्रेनिंग दी गई थी जहां मुंबई अटैक के पकड़े गए आतंकी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब को ट्रेंड किया गया था। उनकी ट्रेनिंग पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की देखरेख में हुई।
दो गुटों में बंटकर काम कर रहे थे आतंकी
‘डी कंपनी’ और आईएसआई ने भारत को दहलाने की काफी बारीक योजना बना रखी थी। इसके तहत, आतंकियों को दो गुटों में बांटा गया था- एक हमलावर गुट था जबकि दूसरा सुविधाएं जुटाने वाला। हमलावर गुट में शामिल आतंकियों की जिम्मेदारी ग्रीन सिग्नल मिलते ही हमले को अंजाम देना था जबकि उससे पहले की सारी जिम्मेदारी दूसरे ग्रुप की थी। दूसरा गुट ही हवाला के जरिए पैसे जुटाने और दोनों गुटों का खर्च उठाने, रेकी करके हमले की सही जगह चुनने, हमलावर गुट को मौके पर पहुंचाने से लेकर तमाम तरह की सुविधाएं जुटाने को जिम्मेदार था।
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यूपी, दिल्ली, राजस्थान से गिरफ्तार हुए आतंकी
भारतीय खुफिया एजेंसियों को इन आतंकियों की भनक अप्रैल महीने में ही लग गई थी जिसने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को अलर्ट कर दिया था। उसके बाद दिल्ली पुलिस ने इन आतंकियों को रेडार पर ले लिया और उनकी एक-एक गतिविधि पर नजर रखने लगी। फिर जान मोहम्मद, ओसामा, मूलचंद, जीशान कमर, मोहम्मद कमर और मोहम्मद आमिर जावेद नाम के आतंकियों को दिल्ली, यूपी और राजस्थान से दबोच लिया गया। इनमें चार आतंकी यूपी के रहने वाले हैं जबकि एक मुंबई और एक दिल्ली का है। इनके पास से आरडीएक्स, ग्रेनेड, पिस्टल और कारतूस बरामद किए गए हैं।
गिरफ्तार हुए संदिग्ध आतंकी।