नागपुर
अफगानिस्तान में पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो गया है। इस बार तालिबान खुद को उदारवाद दिखाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन पिछले दो दिनों में तालिबान की कुछ वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जो तालिबान के क्रूर चेहरे से पर्दा उठाने के लिए काफी हैं। वहीं, भारत में अवैध रूप से रह रहे जिस अफगानी नागरिक को इस साल नागपुर से निर्वासित किया गया था, वह तालिबान में शामिल हो गया है। युवक की राइफल थामे तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
तालिबान ने रविवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद काबुल पहुंचकर अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था। अधिकारी ने कहा कि नूर मोहम्मद अजीज मोहम्मद (30) बीते दस साल से अवैध रूप से नागपुर में रह रहा था। वह शहर के डिगोरी इलाके में किराए के एक मकान में रहता था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उसकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की। अंतत: उसे पकड़कर 23 जून को अफगानिस्तान निर्वासित कर दिया गया।
अफगानिस्तान में पूरी तरह से तालिबान का कब्जा हो गया है। इस बार तालिबान खुद को उदारवाद दिखाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन पिछले दो दिनों में तालिबान की कुछ वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं, जो तालिबान के क्रूर चेहरे से पर्दा उठाने के लिए काफी हैं। वहीं, भारत में अवैध रूप से रह रहे जिस अफगानी नागरिक को इस साल नागपुर से निर्वासित किया गया था, वह तालिबान में शामिल हो गया है। युवक की राइफल थामे तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
तालिबान ने रविवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद काबुल पहुंचकर अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था। अधिकारी ने कहा कि नूर मोहम्मद अजीज मोहम्मद (30) बीते दस साल से अवैध रूप से नागपुर में रह रहा था। वह शहर के डिगोरी इलाके में किराए के एक मकान में रहता था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर उसकी गतिविधियों पर नजर रखनी शुरू की। अंतत: उसे पकड़कर 23 जून को अफगानिस्तान निर्वासित कर दिया गया।
पर्यटक वीजा पर आया था नागपुर
अधिकारी ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि वह निर्वासन के बाद तालिबान में शामिल हो गया। बंदूक थामे उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है। इससे पहले जांच के दौरान पुलिस ने पाया था कि वह 2010 में छह महीने के पर्यटक वीजा पर नागपुर आया था। बाद में उसने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में शरणार्थी का दर्जा देने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उसका आवेदन खारिज कर दिया गया।
धारदार हथियार के साथ जारी किया था वीडियो
नूर मोहम्मद की अपील को यूएनएचआरसी ने भी ठुकरा दिया। तब से वह नागपुर में अवैध रूप से रह रहा था। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि नूर मोहम्मद का असली नाम अब्दुल हक है और उसका भाई तालिबान के साथ काम करता था। पिछले साल नूर ने धारदार हथियार के साथ सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया था।