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नयी दिल्ली
अलगाववादी नेता सैयद अली शाह की जुबान पर हमेशा भारत के खिलाफ जहर रहा है। गिलानी 2015 में उस समय काफी चर्चा में आए थे, जब उन्होंने कहा था कि खुद को भारतीय बताना उनकी मजबूरी है।

जून 2015 को सैयद अली शाह गिलानी अपने यात्रा दस्तावेज की औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए पासपोर्ट अधिकारियों के समक्ष पेश हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था कि उनको भारतीय घोषित किया, लेकिन ये उनकी मजबूरी है।

बता दें कि हुर्रियत नेता सऊदी अरब में अपनी बीमार बेटी को देखने जा रहे थे। जिस कारण वह पासपोर्ट सेवा केंद्र पहुंचे थे। जब वहां के अधिकारी ने उनके खाने में भारतीय का उल्लेख किया तो उन्होंने कहा था कि वह जन्मजात भारतीय नहीं हैं, यह एक उनकी मजबूरी है।

अमरनाथ यात्रा को लेकर दिया था विवादित बयान
मई 2015 में ही अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने अमरनाथ यात्रा को लेकर एक बिवादित बयान दिया था। कश्मीर के त्राल में गिलानी ने कहा था कि अमरनाथ यात्रा 30 दिनों से ज्यादा नहीं चलनी चाहिए। गिलानी त्राल में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे थे। इस दौरान उनकी रैली में पाकिस्तान के झंडे भी लहराए गए थे।

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जब गिलानी ने आतंकियों को बताया था शहीद
2014 में गिलानी ने त्राल में सेना के कर्नल एमएन राय की हत्या करने वाले आतंकियों को शहीद बताया था। बता दें कि आबिद अहमद खान को सेना ने मार गिराया था। उस समय गिलानी ने कहा था कि आबिद फौज से लड़ते हुए शहीद हो गया। उनका पवित्र रक्त व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा था कि भारत सरकार के जिद्दी और कठोर दृष्टिकोण के कारण कश्मीर के युवा कलम के बजाय बंदूक चुन रहे हैं।



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