सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें याचिकाकर्ता ने केरल में 11 वीं का एग्जाम ऑफलाइन यानी फिजिकल मोड में लिए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में केरल सरकार के जवाब से संतुष्ट हैं और उम्मीद जाहिर करते हैं कि संबंधित अथॉरिटी पूरी एहतियात बरतेगी।
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि केरल सरकार ने फैसला किया है कि वह 11 वीं का एग्जाम ऑफलाइन लेगा जबकि कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका है। इस दौरान पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एग्जाम पर अंतरिम रोक लगा दी थी।
केरल सरकार के जवाब से संतुष्ट है कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि वह राज्य सरकार के जवाब से संतुष्ट हैं और उम्मीद करते हैं कि वह स्टूडेंट्स के हित में तमाम एहतियाती कदम उठाएगी।
केरल सरकार की तरफ से क्या कहा गया
केरल सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि अगस्त के महीने में एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी के एग्जाम में लाखों स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया है। साथ ही पिछले दिनों नीट का एग्जाम हुआ है और लाखों स्टूडेंट्स ने एग्जाम दिया है। तमाम ऐहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
क्या खारिज की सुप्रीम कोर्ट ने याचिका?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हमने एग्जाम पर रोक लगाई थी तब सितंबर के तीसरे हफ्ते में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका थी लेकिन अभी तुरंत ऐसी स्थिति नहीं दिख रही है। अदालत ने एग्जाम रोकने की अर्जी खारिज कर दी।
पहले सुप्रीम कोर्ट ने एग्जाम पर लगा दी थी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने 3 सितंबर को केरल सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी थी जिसमें जिसमें केरल सरकार ने 11 वीं का 6 सितंबर से लेने का फैसला किया था। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई तक एग्जाम पर रोक लगा दी थी।
देश भर के केसों से 70 पर्सेंट मरीज केरल में
सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि केरल में कोविड के केस बढ़ रहे हैं लेकिन फिर भी 11 वीं का एग्जाम फिजिकली लेने का फैसला किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केरल में रोजाना केस बढ़ रहे हैं रोजाना 30 हजार केस आ रहे हैं और देश भर के कुल केसों में यह 70 फीसदी के बराबर है।