राकेश कुमार अग्रवाल, महोबा
प्रदेश की सबसे बड़ी पत्थर मंडी कबरई की 6 क्रशर इकाइयों पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ( एनजीटी ) ने 6.5 करोड़ का जुर्माना लगाया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। एनजीटी क्रशर इकाइयों से किसान हितों के होने वाले नुकसान संबंधी दस्तावेज कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सकी। कोर्ट के फैसले से क्रशर संचालकों ने राहत की सांस ली है।
8 जून को लगाया था एनजीटी ने जुर्माना
8 जून 2021 को एनजीटी ने कबरई की 6 क्रशर इकाइयों जय मां गंगोत्री ग्रेनाइट, आरबी एसोसिएट्स, कृष्णा ग्रेनाइट्स, अरिहंत ग्रेनाइट, मां शारदा ग्रेनाइट और पारस ग्रेनाइट पर किसान हितों का उल्लंघन करने पर 6.5 करोड़ का जुर्माना लगाया था।
प्रदेश की सबसे बड़ी पत्थर मंडी कबरई की 6 क्रशर इकाइयों पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ( एनजीटी ) ने 6.5 करोड़ का जुर्माना लगाया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। एनजीटी क्रशर इकाइयों से किसान हितों के होने वाले नुकसान संबंधी दस्तावेज कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं कर सकी। कोर्ट के फैसले से क्रशर संचालकों ने राहत की सांस ली है।
8 जून को लगाया था एनजीटी ने जुर्माना
8 जून 2021 को एनजीटी ने कबरई की 6 क्रशर इकाइयों जय मां गंगोत्री ग्रेनाइट, आरबी एसोसिएट्स, कृष्णा ग्रेनाइट्स, अरिहंत ग्रेनाइट, मां शारदा ग्रेनाइट और पारस ग्रेनाइट पर किसान हितों का उल्लंघन करने पर 6.5 करोड़ का जुर्माना लगाया था।
प्रशासन ने सीज कर दी थीं क्रशर इकाइयां
क्रशर इकाइयों से जुर्माना वसूलने के लिए एक जुलाई को महोबा तहसीलदार ने सभी 6 क्रशर इकाइयों को सीज कर दिया था। क्रशर स्वामी इसे एकपक्षीय कार्रवाई बताते हुए सुप्रीम कोर्ट चले गए थे।
एनजीटी की ओर से पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत न किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के अमल पर रोक लगा दी। मां गंगोत्री ग्रेनाइट के सचिन सोनी के अनुसार, एनजीटी ने किसानों के पक्ष में गलत सूचनाएं और तर्क कोर्ट के सामने प्रस्तुत किए थे।