सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गैर कानूनी गतिविधि कानून (यूएपीए) के तहत मामले की जांच पूरी करने के लिए समय सीमा बढ़ाने के लिए मजिस्ट्रेट सक्षम अधिकारी नहीं होंगे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि इस तरह के किसी भी आग्रह पर विचार करने के लिए विशेष अदालतें हो सकती है जो एनआईए एक्ट के तहत गठित की गई हो।
जब मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो कहा गया कि सीजेएम ने छानबीन की अवधि 180 दिन कर दी है लिहाजा जमानत का हकदार आरोपी नहीं है। आरोपियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया और कहा गया कि सीजेएम ने अपने जूरिडिक्शन से आगे जाकर छानबीन की अवधि 180 दिन कर दी है जबकि उन्हें ऐसा करने का अधिकार नहीं