नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आधिकारिक ईमेल आईडी के फूटर पर लिखे गए स्लोगन ‘सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास’ के साथ पीएम के फोटो वाले स्लोगन को हटाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने एनआईसी को कहा है कि वह इस नारे को हटाए और उसकी जगह सुप्रीम कोर्ट की ईमेज को रखें।
दरअसल एनआईसी द्वारा ‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास‘ स्लोगन के साथ पीएम की तस्वीर आधिकारिक मेल आईडी में डाली गई है। एनआईसी की ईमेल सर्विस में उक्त स्लोगन और पिक्चर डाला गया था। सुप्रीम कोर्ट इस ईमेल सर्विस का इस्तेमाल वकीलों को सूचना देने और नोटिस देने आदि के लिए भी करती है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आधिकारिक ईमेल आईडी के फूटर पर लिखे गए स्लोगन ‘सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास’ के साथ पीएम के फोटो वाले स्लोगन को हटाने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने एनआईसी को कहा है कि वह इस नारे को हटाए और उसकी जगह सुप्रीम कोर्ट की ईमेज को रखें।
दरअसल एनआईसी द्वारा ‘सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास‘ स्लोगन के साथ पीएम की तस्वीर आधिकारिक मेल आईडी में डाली गई है। एनआईसी की ईमेल सर्विस में उक्त स्लोगन और पिक्चर डाला गया था। सुप्रीम कोर्ट इस ईमेल सर्विस का इस्तेमाल वकीलों को सूचना देने और नोटिस देने आदि के लिए भी करती है।
सुप्रीम कोर्ट सूत्र ने बताया कि 23 सितंबर की शाम सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के संज्ञान में यह तथ्य आया कि सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक ईमेल में एनआईसी ने जिस फूटर का इस्तेमाल किया है, उसका सुप्रीम कोर्ट के फंक्शनिंग से कोई ताल्लुक नहीं है। इसके बाद रजिस्ट्री ने एनआईसी को निर्देश दिया है कि वह जिस फूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं उसे हटाएं और उसकी जगह सुप्रीम कोर्ट का ईमेज इस्तेमाल करें।
एनआईसी ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के उस निर्देश का अनुपालन कर दिया है और अब सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक मेल में सुप्रीम कोर्ट की तस्वीर डाल दी गई है।