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नई दिल्‍ली
2008 के बेंगलुरु सीरियल ब्लास्ट मामले के आरोपी अब्दुल नजीर मदनी की एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसमें नजीर ने मांग की थी कि जमानत देने के लिए जो शर्त लगाई गई है उसमें छूट दी जाए। कोर्ट में दाखिल अर्जी में मदनी ने कहा था कि उसे केरल स्थित अपने घर जाने की इजाजत दी जाए। जमानत की शर्त के मुताबिक, उसे बेंगलुरु से बाहर जाने की इजाजत नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मदनी की अर्जी खारिज कर दी। मदनी के वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि मदनी की शारीरिक स्थिति ठीक नहीं है। वह आयुर्वेद के इलाज के लिए केरल स्थित अपने घर जाना चाहते हैं। वह व्हीलचेयर पर हैं। उनके पिता लकवाग्रस्त हैं और मां की तब मौत हो गई थी जब मदनी जेल में बंद थे।

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प्रशांत भूषण ने दलील दी कि इस मामले में तमाम सरकारी गवाहों के बयान हो चुके हैं और उन पर सिर्फ यह आरोप है कि एक बैठक में वह शामिल हुए थे और उस बैठक में साजिश रची गई थी।

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वहीं, कर्नाटक सरकार के वकील ने कहा कि मदनी ने यह नहीं बताया कि उन्होंने 44 गवाहों को पेश करने की इजाजत मांगी है और वह सभी गवाह केरल के हैं। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील के बाद मदनी की अर्जी खारिज कर दी।



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