सभी संबंधित अधिकारी अलर्ट रहें। घटनाक्रम पर करीब से नजर बनाए रखें और सूडान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का लगातार मूल्यांकन करने के साथ ही उन्हें हरसंभव सहायता की कोशिश की जाए।
प्रधानमंत्री मोदी
इधर, ईद पर सूडान में 72 घंटे के सीजफायर की खबर आई है। समझा जा रहा है कि इस दौरान भारत सरकार अपने इमर्जेंसी प्लान पर आगे बढ़ सकती है।पीएम ने सभी अधिकारियों को घटनाक्रम पर करीब से नजर रखने और भारतीयों की सुरक्षा का लगातार मूल्यांकन करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि हिंसा प्रभावित क्षेत्र में भारतीयों को हरसंभव सहायता पहुंचाई जाए। इससे पहले मीटिंग में प्रधानमंत्री को सूडान की ताजा स्थिति से अवगत कराया गया और जमीनी हालात की समीक्षा की गई। मोदी ने पिछले हफ्ते गोली लगने से घायल एक भारतीय नागरिक की मौत पर शोक व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने सूडान के साथ-साथ क्षेत्र के उन पड़ोसी देशों के साथ भी घनिष्ठ संपर्क बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया, जहां भारतीयों की संख्या ज्यादा है। जयशंकर पहले ही सूडान के हालात पर सऊदी अरब, UAE और मिस्र के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा कर चुके हैं। दुनिया के कई देशों की तरफ से भारतीयों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक सहयोग का भरोसा मिला है। भारत सरकार चाहती है कि युद्धविराम होने पर भारतीयों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकालने पर आगे बढ़ा जाए। जयशंकर और यूएन चीफ की बातचीत में भी इस पर फोकस रहा। सरकार की ओर से भारतीयों से कहा गया है कि वे जहां हैं, वहीं पर रहें और बाहर न निकलें। भारत सरकार सूडान संकट पर अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी, UAE, मिस्र जैसे देशों के साथ लगातार संपर्क में है।
पीएम की बैठक में एयरफोर्स चीफ और नेवी के प्रमुख की मौजूदगी से साफ है कि भारत सरकार सूडान से भारतीयों को हवाई या समुद्री मार्ग से निकालने पर विचार कर रही है। जिस तरह से यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए अभियान चलाया गया था, कुछ वैसा ही सूडान में देखने को मिल सकता है। पड़ोसी देशों में प्लेन भेजकर भारतीयों को निकाला जा सकता है। सूडान के पास सऊदी अरब और मिस्र से विदेश मंत्री की चर्चा की भी यह बड़ी वजह है। हो सकता है कि भारतीय नौसेना के जहाज अदन की खाड़ी से होकर अपने लोगों को निकाले।