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हाइलाइट्स

  • सरकार ने पॉलीथीन बैग की मोटाई 50 माइक्रोन से 120 माइक्रोन तक बढाई
  • पॉलीथीन के थिकनेस नियम को 30 सितंबर से दो चरणों में लागू किया जाएगा
  • वर्तमान में देश में 50 माइक्रोन से कम की पॉलीथिन बैग का यूज है प्रतिबंधित

नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने अगले साल तक भारत को सिंगल-यूज प्लास्टिक-मुक्त बनाने की दिशा में अहम कदम उठाया है। केंद्र ने देश भर में बड़े पैमाने पर प्लास्टिक कचरे के खतरे से निपटने की मांग के बीच गुरुवार को अगले साल 1 जुलाई से ‘सिंगल-यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा सरकार ने पॉलीथीन बैग की मोटाई 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 120 माइक्रोन तक कर दी है। हालांकि, मोटाई संबंधित नियम 30 सितंबर से शुरू होकर दो चरणों में लागू किया जाएगा।

दो चरण में लागू होगा बैन
फिलहाल देश में 50 माइक्रॉन से कम के पॉलीथीन बैग पर बैन है। नए नियमों के तहत अगले साल 31 दिसंबर से 75 माइक्रोन से कम मोटाई के पॉलीथीन बैग और 120 माइक्रोन से कम के बैग पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 1 जुलाई, 2022 से पॉलीस्टाइनिन और एक्सपैंडेड पॉलीस्टाइनिन सहित सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा।

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इन चीजों पर लग जाएगा बैन
इस तरह की ‘एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं में प्लास्टिक स्टिक, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक स्टिक, झंडे और कैंडी की प्लास्टिक स्टिक, आइसक्रीम की स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टाइनिन [थर्मो-कॉल] शामिल हैं। इसके अलावा प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, ट्रे, मिठाई बक्से, निमंत्रण कार्ड, और सिगरेट के पैकेट पर लपेटे जाने वाली प्लास्टिक और 100 माइक्रोन से कम के पीवीसी बैनर शामिल हैं।

…ताकि छोटे व्यवसायी ना हों प्रभावित
थिकनेस क्लॉज पर चरणबद्ध तरीके वाली योजना को मंजूरी दी गई है ताकि यह छोटे व्यवसायों और व्यापारियों को प्रभावित न करे। मंत्रालय ने मार्च में मसौदा अधिसूचित किया था। अंतिम निर्णय गुरुवार को मसौदे पर हितधारकों के विचारों पर विचार करने के बाद अधिसूचित किया गया था। अधिसूचना में भी पहली बार ‘एकल उपयोग वाले प्लास्टिक’ को परिभाषित किया गया है।

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शहरी स्थानीय निकायों और ‘ग्राम पंचायतों’ की जिम्मेदारी तय
इसमें ऐसी वस्तुओं की पहचान की गई है जिन्हें चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधित किया जाना है। इसमें कहा गया है कि “सिंगल यूज वाली वाली प्लास्टिक वस्तु” का अर्थ है एक प्लास्टिक की वस्तु जिसको डिस्पोज या रिसाइकिल से पहले एक काम के लिए एक ही बार यूज किया जाना है। नोटिफिकेशन के तहत, अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की स्थापना और समन्वय और प्लास्टिक कचरे के अलग करना, कलेक्शन, स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन, प्रोसेसिंग और डिस्पोजल जैसे संबंधित कार्यों को करने के लिए शहरी स्थानीय निकायों और ‘ग्राम पंचायतों’ की जिम्मेदारी होगी। .

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सीपीसीबी से लेना होगा सर्टिफिकेट
कम्पोस्टेबल प्लास्टिक से बने कैरी बैग पर मोटाई का प्रावधान लागू नहीं होगा। कंपोस्टेबल प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माताओं या विक्रेताओं या ब्रांड मालिकों को प्लास्टिक पैकेजिंग सामग्री सहित उन सामानों की मार्केटिंग / बिक्री या उपयोग करने से पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एक सर्टिफिकेट लेना होगा।

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