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हाइलाइट्स

  • तमिलनाडु में जुलाई में तीसरे क्रॉस सेक्शनल सीरो सर्वे की रिपोर्ट आई
  • इस सीरो सर्वे (Sero Survey) में 26 हजार से ज्यादा सैंपल लिए गए थे
  • करीब 66.2 फीसदी आबादी में कोविड की एंटीबॉडी डिवेलप हो गई
  • अक्टूबर/नवंबर 2020 में सीरो पॉजिटिविटी रेट 31 फीसदी थी

चेन्नै
तमिलनाडु में जुलाई में तीसरे क्रॉस सेक्शनल सीरो सर्वे (Sero Survey) में 26 हजार से अधिक लिए गए सैंपलों से पता चलता है कि कम से कम 66.2 फीसदी आबादी में कोविड की एंटीबॉडी डिवेलप हो गई है। इसी वायरस के कारण कोविड-19 होता है। 26,610 नमूनों में से 17,624 में कोविड के खिलाफ आईजीजी (इम्यूनोग्लोबुलिन जी) प्रतिरोधी क्षमता विकसित हुई है।

राज्य में सीरो इंटेंसिटी जहां 66.2 फीसदी रही, वहीं सबसे ज्यादा सीरो पॉजिटिविटी विरुधुनगर जिले में 84 फीसदी थी। जबकि पश्चिम तमिलनाडु के इरोड में सबसे कम 37 फीसदी रही। राज्य के 888 क्लस्टर में जन स्वास्थ्य और एहतियाती चिकित्सा निदेशालय की तरफ से कराए गए सीरो सर्वे में यह जानकारी सामने आई।

अक्टूबर 2020 में सीरो पॉजिटिविटी रेट 31 पर्सेंट थी

इसे शनिवार को राज्य के चिकित्सा और परिवार कल्याण मंत्री सुब्रमण्यन ने प्रधान स्वास्थ्य सचिव डॉ. जे. राधाकृष्णन और जन स्वास्थ्य और एहतियाती चिकित्सा निदेशक डॉ. टी. एस. सेल्वाविनयांगम की मौजूदगी में जारी किया। पहले कराए गए सीरो सर्वे में अक्टूबर/नवंबर 2020 में सीरो पॉजिटिविटी रेट 31 फीसदी थी जबकि अप्रैल 2021 में दूसरे सर्वेक्षण में यह 29 फीसदी थी। इसने कहा कि तीसरे सर्वे में 66.2 फीसदी सीरो पॉजिटिविटी सामने आने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें तमिलनाडु में कोविड-19 की दूसरी लहर के कम होने के दौरान कराया जाना भी एक कारण हो सकता है।



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