हाइलाइट्स
- राज्यसभा हंगामे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में ठनी
- गुरुवार सुबह कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए किया प्रदर्शन
- दोपहर बाद सरकार के मंत्रियों ने विपक्ष पर किया पलटवार
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया है कि राज्यसभा में विपक्षी दलों से धक्का मुक्की करने के लिये बाहरी लोगों को लाया गया था। गोयल ने कहा कि मार्शल न तो सत्ता पक्ष से होते हैं और न ही विपक्ष से… वास्तव में इन विपक्षी सदस्यों ने महिला मार्शल से धक्का मुक्की की।
गोयल की यह टिप्पणी तब आई जब उनसे एनसीपी नेता शरद पवार के उन आरोपों के बारे में पूछा गया कि महिला सांसदों सहित विपक्षी नेताओं के साथ धक्का मुक्की करने के लिए बाहरी लोगों को लाया गया था। पीयूष गोयल ने कहा कि एनसीपी प्रमुख को गलत जानकारी दी गई। केंद्रीय मंत्री ने पवार से विपक्ष के उनके सहयोगियों के आचरण पर चिंतन करने का सुझाव दिया।
गोयल अन्य केंद्रीय मंत्रियों के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने भी संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में एक दिन पहले कहा था कि उन्होंने अपने 55 साल की संसदीय राजनीति में ऐसे स्थिति नहीं देखी कि महिला सांसदों पर सदन के भीतर हमला किया गया हो।
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इस बारे में पूछे जाने पर गोयल ने कहा, ‘मार्शल या सुरक्षाकर्मी न तो सत्ता पक्ष और न ही विपक्ष से होते हैं। वे संसद भवन की सुरक्षा को देखते हैं । हमने उनकी नियुक्ति नहीं की है।’ उन्होंने कहा कि सभी संसद सुरक्षा सेवा के कर्मी थे और इनमें 12 महिला मार्शल और 18 पुरूष मार्शल थे।
उन्होंने कहा, ‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि पवार को किसी ने गलत जानकारी दी। उनके आंकड़े गलत हैं और उनके आरोप भी गलत हैं कि बाहर से कोई आया था।’
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान हंगामा और अमर्यादित व्यवहार करने का विपक्ष पर आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि संसद में नियम तोड़ने और इस तरह का बर्ताव करने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए कि कोई भी ऐसा करने का साहस नहीं करे।