नए कृषि कानून को लेकर केंद्र सरकार और किसानों में रस्साकशी जारी है। दोनों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला है। यूपी बॉर्डर पर किसान अभी भी जमे हुए हैं। राकेश टिकैत तो कई बार कह चुके हैं कि जब तक काले कानून को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक किसान आंदोलन जारी रखेेंगे। ऐसे समय में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का एक बयान सामने आया है, जिसमें राजनाथ सिंह नए कृषि कानूनों का बचाव करते दिखे। उन्होंने कहा कि अगर किसानों को लगता है कि नए कृषि कानूनों में कुछ भी किसान हित के खिलाफ है तो सरकार उनसे बात करने के लिए तैयार है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) गुरुवार को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राज्य स्तरीय अन्नपूर्णा कार्यक्रम को ऑनलाइन माध्यम से लोगों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने किसानों के कल्याण में कदम उठाने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार की तारीफ की। सिंह ने कहा कि हमारी सरकार तीन कृषि कानून लेकर आई, लेकिन मुझे लगता है कि इन कानूनों को पूरी तरह समझने की आवश्यकता है। एक विरोध का माहौल पैदा किया जा रहा है। मुझे लगता है कि किसान भाइयों को यह समझना चाहिए।
‘किसान अब सच जानने लगे हैं’
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भ्रम पैदा किया गया है। किसानों ने सच जानना शुरू कर दिया है और उन्होंने अपने लाभ-हानि की गणना शुरू कर दी है। मैंने कृषि कानूनों को पूरी तरह पढ़ा है और मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि मेरी जानकारी के अनुसार, ऐसा कोई खंड नहीं है, जो हमारे किसान भाइयों की हितों के खिलाफ हो।
‘न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाया गया’
किसानों के कल्याण के लिए मोदी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाया गया है और छोटे किसानों को सस्ता कर्ज दिया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के बैंक खातों में 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम दी गई है। देश के इतिहास में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। सिंह ने कहा कि ये सभी कदम हमारे किसान भाइयों को सशक्त और मजबूत बनाने के लिए उठाए गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बारे में बात करते हुए कहा कि 6,000 रुपये सीधे किसानों के खाते में गए हैं।
‘आज सारे पैसे किसानों के खाते में जातें हैं’
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है। सारा पैसा आपके खातों में पहुंचा। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कभी कहा था कि 100 पैसे में से केवल 16 पैसे ही लोगों तक पहुंचते हैं। उन्होंने पूछा कि आज हम 100 पैसे भेजते हैं और सारा पैसा आपके खातों में पहुंचता है। भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है। किसानों के प्रति इससे अधिक संवेदनशीलता और क्या होगी?
‘योजनाएं केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से चलती हैं’
सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें एक-दूसरे के सहयोग से चलती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र योजनाएं बना सकता है, लेकिन जब तक उसे राज्य सरकार से समर्थन नहीं मिलता तो सफल तरीके से उनका क्रियान्वयन संभव नहीं है। इसी तरह राज्य सरकार कई योजनाएं बना सकती है, लेकिन अगर केंद्र उन्हें समर्थन नहीं देता तो उनका क्रियान्वयन मुश्किल हो जाता है।