तीन नए कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए पिछले 8 महीने से ज्यादा वक्त से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में राहुल गांधी ने एक कविता ट्वीट की है। मशहूर कवि ओम प्रकाश बाल्मीकि की चर्चित कविता ‘ठाकुर का कुआं’ में राहुल ने ठाकुर शब्द को हटाकर ‘हमारे दो’ लिख दिया है। इस तरह उन्होंने किसानों का समर्थन करते हुए आरोप लगाया है कि खेत किसानों के हैं, मेहनत किसानों की है लेकिन पैदावार पर ‘उद्योगपतियों’ का हक है।
राहुल गांधी ने ओम प्रकाश बाल्मीकि की कविता से ठाकुर शब्द हटाने के साथ थोड़े से बदलाव करते हुए ट्वीट किया, ‘चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ‘हमारे दो’ का। बैल ‘हमारे दो’ का, हल ‘हमारे दो’ का, हल की मूठ पर हथेली किसान की, फ़सल ‘हमारे दो’ की। कुआँ ‘हमारे दो’ का, पानी ‘हमारे दो’ का, खेत-खलिहान ‘हमारे दो’ के, PM ‘हमारे दो’ के, फिर किसान का क्या? किसान के लिए हम हैं!’
कविता के साथ राहुल गांधी ने जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ में शिरकत करते हुए अपनी और दूसरे विपक्षी नेताओं की तस्वीर को भी शेयर किया है। वह और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने शुक्रवार को दोपहर में दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंच कर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता का इजहार किया। विपक्षी नेता संसद से एक बस में सवार होकर जंतर-मंतर पहुंचे जहां किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर पिछले कुछ दिनों से प्रतीकात्मक ‘किसान संसद’ का आयोजन किए हुए हैं।
किसानों का समर्थन भी, मोदी सरकार पर तंज भी
जंतर-मंतर पहुंच आंदोलनकारी किसानों के प्रति समर्थन के इजहार के बाद राहुल गांधी ने कविता के जरिए मोदी सरकार पर वार किया। उन्होंने बाल्मीकि की मूल कविता में ठाकुर की जगह ‘हमारे दो’ लिखकर मोदी सरकार पर तंज कसा। दरअसल कांग्रेस नेता अक्सर आरोप लगाते रहते हैं कि मोदी सरकार ‘हम दो हमारे दो’ की सरकार है। बकौल राहुल इसमें ‘हम दो’ से मतलब ‘नरेंद्र मोदी और अमित शाह’ व हमारे दो से मतलब ‘अंबानी और अडानी’ हैं।
ओम प्रकाश बाल्मीकि की मूल कविता ‘ठाकुर का कुआं’
चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब ठाकुर का ।
भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का ।
बैल ठाकुर का
हल ठाकुर का
हल की मूठ पर हथेली अपनी
फ़सल ठाकुर की ।
कुआँ ठाकुर का
पानी ठाकुर का
खेत-खलिहान ठाकुर के
गली-मुहल्ले ठाकुर के
फिर अपना क्या ?
गाँव ?
शहर ?
देश ?