हाइलाइट्स
- चीनी आक्रमकता के खिलाफ भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का सैन्य गठबंधन
- क्वाड के ये चारों देश मालाबार युद्धाभ्यास के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को संदेश देंगे
- दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र का दौरा करेगा भारतीय टास्कफोर्स
चीन की आक्रामक नीतियों के खिलाफ क्वाड के चार देश- भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया- अपनी एकजुटता का दम दिखाने इसी महीने के आखिर में संयुक्त युद्धाभ्यास करेंगे। पश्चिमी प्रशांत महासागर में होने वाला मालाबार युद्धाभ्यास से चीन को मिर्ची लगनी तय है।
ऑस्ट्रेलिया के युद्धाभ्यास में शामिल होगा भारत?
भारत ने 13 साल बाद पिछले वर्ष नवंबर महीने में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में अमेरिका-जापान के साथ चल रहे युद्धाभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को भी शामिल होने का न्योता दिया था। बदले में ऑस्ट्रेलिया भी चाहता है कि भारत वर्ष 2023 के उसके ‘टैलिस्मैन साब्रे’ वॉरगेम में शामिल हो। इस साल का टैलिस्मैन साब्रे वॉरगेम का बीते रविवार को क्विंसलैंड में समापन हुआ। हर दो साल में आयोजित होने वाले ऑस्ट्रेलिया के इस सबसे बड़े वॉरगेम में इस बार 17 हजार सैनिकों, 18 युद्ध नौकाएं, 70 युद्धक विमानों और 50 हेलिकॉप्टरों ने हिस्सा लिया। इसमें ऑस्ट्रेलिया के साथ अमेरिका, जापान, यूके, कनाडा, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड शामिल थे।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता की चिंता
भारतीय अधिकारियों ने कहा कि समान सोच के देशों के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड का युद्धभ्यास इस इलाके में चीन के आक्रामक रवैये के खिलाफ बढ़ती रणनीतिक एकजुटता का दमदार प्रदर्शन है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद हिंद-प्रशांत की ‘आजादी, खुलापन, सुरक्षा और स्थिरता’ कायम रखना है। बड़ी बात है कि क्वाड के सिवा फ्रांस भी इस पहल में साथ है। उसने अप्रैल महीने में बंगाल की खाड़ी में युद्धाभ्यास किया था।
यूके ने भी दी चीन को चुनौती
जुलाई महीने के आखिर में बंगाल की खाड़ी में भारत के साथ युद्धाभ्यास खत्म होते ही यूके के विमान वाहक स्ट्राइक ग्रुप ने क्विन एलिजाबेथ की अगुवाई में पांचवीं पीढ़ी के युद्धक विमानों के साथ पिछले सप्ताह दक्षिण चीन सागर में भी प्रवेश किया जहां चीन अपना एकछत्र अधिकार होने का दावा करता है। तब गुस्से में लाल चीन ने धमकी दी थी कि अगर यूके के विमान वाहक पोत ने उसके दावे वाले द्वीपों का अतिक्रमण किया तो उसे खदेड़ दिया जाएगा।
चीन को भारत की भी ललकार
भारत भी इसी सप्ताह अपना नौसैनिक टास्कफोर्स दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन सागर और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के दौरे पर रवाना करने जा रहा है। टास्कफोर्स में गाइडेड मिसाइलों को ध्वस्त करने वाले आईएनएस रणविजय, छिपकर वार करने वाला युद्धपोत आईएनएस शिवालिक, पनडुब्बी रोधी जंगी जहाज आईएनएस कदमात के साथ-साथ गाइडेड-मिसाइल दागने वाला जंगी जहाज आईएनएस कोरा शामिल है। भारत यह पहल अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत करने जा रहा है।
छोटी नौकाओं का भारतीय बेड़ा मालाबार वॉरगेम के अलावा वियतनाम, फिलिपिंस, सिंगापुर और इंडोनेशिया के साथ द्विपक्षीय युद्धाभ्यास में भी शामिल होगा। इस वर्ष 12 मार्च को आयोजित सम्मेलन में क्वाड देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में किसी तरह के अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी प्रतिबद्धता का ऐलान किया था। इसके लिए कई स्तरों पर आपसी सहयोग एवं समन्वय का तंत्र आकार ले रहा है।