पंजाब में रविवार को चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ। इस विस्तार को देखकर तो यही लगता है कि इसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू की खूब चली है। सिद्धू के साथ कैप्टन अमरिंदर के खिलाफ खुलकर बगावत का बिगुल बजाने वालों को इनाम दिया गया है। सिद्धू के करीबियों को जगह दी गई है।
कैप्टन के खिलाफ सबसे पहले मोर्चा खोलने वालों में परगट
परगट सिंह का भी कैबिनेट में शामिल होना लगभग तय था। कैबिनेट एक्सपैंशन से पहले ही उन्होंने इसके संकेत दिए थे। कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने बताया था कि शपथ ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही मंत्रियों की लिस्ट भेजी जाएगी। मिनिस्टरशिप एक जिम्मेदारी है, सिर्फ पद नहीं है। कई लोग पद संभालने के बाद अपनी जिम्मेदारी भूल जाते हैं लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं है।
परगट को सिद्धू से दोस्ती का फल मिला है। वह कैप्टन के खिलाफ सबसे पहले मोर्चा खोलने वालों में रहे हैं। राजनीति में आने से पहले वह हॉकी के शानदार खिलाड़ी रहे हैं। कैप्टन के खिलाफ विधायकों और मंत्रियों को लामबंद करने में उनकी बड़ी भूमिका रही थी। सिद्धू के साथ मिलकर उन्होंने मुखरता से कैप्टन का विरोध किया। परगट को सियासी मैदान में लाने का श्रेय अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को जाता है। वह 2012 में परगट को लेकर आए थे। अकाली दल के टिकट पर वह जालंधर कैंट से चुनाव लड़े थे। इसमें वह सफल रहे थे।
संगत सिंह गिलजियां गांधी परिवार के करीबी
संगत सिंह गिलजियां को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है। वह होशियारपुर की उड़मुड़ टांडा विधानसभा सीट से विधायक हैं। इस सीट से वह लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। उन्हें अपनी वफादारी का पुरस्कार मिला है। कांग्रेस ने जब अमरिंदर के विरोध को नजरअंदाज करते हुए क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था तो संगत सिंह गिलजियां को भी कार्यकारी प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी थी। गांधी परिवार के साथ-साथ सिद्धू के साथ भी उनकी अच्छी ट्यूनिंग है।
रजिया के पति सिद्धू के एडवाइजर
रजिया सुल्ताना कैप्टन अमरिंदर सरकार में भी पंजाब की कैबिनेट मंत्री थीं। उन्हें चन्नी सरकार में दोबारा मंत्रिपरिषद में जगह मिली है। रजिया के पति मोहम्मद मुस्तफा पीसीसी चीफ नवजोत सिंह सिद्धू के प्रधान रणनीतिक सलाहकार हैं। मुस्तफा भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी रहे हैं। माना जाता है कि सिद्धू की ट्यूनिंग सुल्ताना और मुस्तफा दोनों से काफी अच्छी है।
चरणजीत सिंह चन्नी ने 20 सितंबर को सीएम पद की शपथ ली थी। इसके छह दिनों बाद रविवार को कैबिनेट विस्तार के तहत मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। सभी मंत्रियों को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने चंडीगढ़ के राजभवन में शपथ दिलाई।