हाइलाइट्स
- एक डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉक्टर के पास हर महीने आ रहे 8 से 10 नए मरीज
- LNJP में आने वाले 10 में से 2 मरीजों का शुगर लेवल कंट्रोल में नहीं
- 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं डायबिटीज के मरीज
- पोस्ट कोविड में हर कुछ दिन बाद शुगर लेवल चेक करना जरूरी
कोरोना वायरस ने लोगों पर इस कदर असर किया है कि जो लोग पहले से डायबिटीज का शिकार थे, पोस्ट कोविड में उनका शुगर लेवल कंट्रोल में ही नहीं आ रहा है। वहीं जिन लोगों को डायबिटीज नहीं थी, उनमें डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं। दिल्ली के जाने-माने डॉक्टरों का कहना है कि पोस्ट कोविड में इस तरह के मामले काफी बढ़ गए हैं। यह आने वाले समय के लिए खतरा है।
कोरोना से बॉडी में इंसुलिन निकलना कम हो जाता है
राजधानी के जाने-माने डायबिटीज स्पेशलिस्ट डॉ. अशोक झिंगन बताते हैं कि उन्होंने डायबिटीज के मरीजों की संख्या में पिछले कुछ महीनों में काफी इजाफा देखा है। उनका कहना है कि जिन लोगों को पहले डायबिटीज थी और कोरोना हुआ, कोविड से उबरने बाद उनका शुगर लेवल कई महीनों तक कंट्रोल में ही नहीं आ रहा है। वहीं, दूसरी लहर के बाद से डायबिटीज के नए मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। हर महीने 8 से 10 ऐसे मरीज आ रहे हैं जिन्हें पहले डायबिटीज नहीं थी लेकिन कोरोना होने के बाद उन्हें डायबिटीज हो गई है।
डॉ. झिंगन के मुताबिक इसके पीछे कई कारण हैं। एक कारण तो यह है कि कोरोना के इलाज में स्टेरॉयड देने की वजह से डायबिटीज की समस्या उत्पन्न हुई है। जिन्हें डायबिटीज थी, स्टेरॉयड अब उनकी डायबिटीज कंट्रोल में नहीं आने दे रहा और जिन्हें नहीं थी, स्टेरॉयड ने उनमें डायबिटीज दे दी है। दूसरा कारण यह भी है कि कोरोना वायरस हमारी पैन्क्रियाज को प्रभावित करता है। यह वायरस हमारी बीटा कोशिकाओं पर अटैक करता है और उसे तोड़ने की कोशिश करता है। इससे हमारी बॉडी में इंसुलिन निकलना कम हो जाता है और शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है।
हर 10 में से दो मरीज में शुगर लेवल कंट्रोल नहीं हो रहा है
वहीं, लोकनायक अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने भी इस बात पर सहमति जताते हुए कहा कि पोस्ट कोविड में डायबिटीज के मरीज काफी बढ़ गए हैं। अस्पताल में आने वाले मरीजों में ऐसा देखा गया है कि हर 10 में से दो मरीज ऐसे हैं जिनका शुगर लेवल कंट्रोल में नहीं आ रहा है। पोस्ट कोविड में यह समस्या ज्यादा देखी जा रही है। दिल्ली में पोस्ट कोविड में डायबिटीज के मरीजों में करीब 25 से 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
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शुगर लेवल की जांच कुछ-कुछ दिन बाद करनी चाहिए
बता दें कि डॉक्टर्स का यह भी कहना है कि अभी बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं जो शुगर लेवल की जांच ही नहीं करवाते हैं। उन्हें अगर डायबिटीज होने के लक्षण भी हों तो वह पहचान नहीं पाते हैं कि यह किस वजह से हो रहा है। ऐसे में डॉक्टर के पास पहुंचने पर पहचान हो पाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो भी लोग कोरोना वायरस से रिकवर हो रहे हैं, उन्हें शुगर लेवल की जांच कुछ-कुछ दिन बाद करनी चाहिए। यदि शुगर लेवल बढ़ा हुआ आता है तो इसे 6 महीने के भीतर कंट्रोल करना बेहद जरूरी है।
कोविड का डायबिटीज पर गंभीर असर (सांकेतिक तस्वीर)