प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस‘ के रूप में मनाए जाने का ऐलान करते ही कांग्रेस ने उन पर तंज कसा। कांग्रेस ने पीएम पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री पहले पाकिस्तान को उसके स्वतंत्रता दिवस और राष्ट्रीय दिवस पर बधाई देते हैं। फिर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नजदीक आने पर विभाजन को याद करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि 14 अगस्त को लोगों के संघर्षों और बलिदान की याद में अब ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
कांग्रेस महासचिव ने प्रधानमंत्री का जो ट्वीट साझा किया, वह 14 अगस्त, 2015 का है। इसमें उन्होंने पाकिस्तान को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी है। सुरजेवाला ने जिस पत्र का हवाला दिया, वह प्रधानमंत्री ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को वहां के ‘राष्ट्रीय दिवस’ पर लिखा था।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री को यह घोषणा करने से पहले इस पर माफी मांगनी चाहिए थी कि उनके ‘वैचारिक पूर्वजों’ और मुस्लिम लीग के कारण ही देश का बंटवारा हुआ।
उन्होंने दावा किया, ‘इनके वैचारिक पूर्वजों और मुस्लिम लीग ने मिलकर जो माहौल बनाया था उस वजह से बंटवारा हुआ। इन्हें पहले माफी मांगनी चाहिए।’ खेड़ा ने कहा, ‘बंटवारे के समय मेरे परिवार के 14 सदस्य मारे गए थे। ये कौन होते हैं हमारी टीस दूर करने वाले? इनकी वजह से मेरी टीस है और आज यह टीस फिर बढ़ रही है।’
पीएम ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि 14 अगस्त को लोगों के संघर्षों और बलिदान की याद में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। कहा कि बंटवारे के दर्द को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। विभाजन के चलते सामने आई नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी।
वर्ष 1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की ओर से भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान का निर्माण एक मुस्लिम देश के रूप में किया गया था। उस दौरान लाखों लोग विस्थापित हुए थे। बड़े पैमाने पर दंगे भड़कने के कारण कई लाख लोगों की जान चली गई थी। भारत रविवार को अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस आशय की घोषणा करने के कुछ घंटे बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर अधिसूचित किया।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ उन सभी लोगों के लिए एक उचित श्रद्धांजलि होगी, जिन्होंने राष्ट्र के विभाजन के कारण अपनी जान गंवाई और अपनी जड़ों से विस्थापित हो गए। मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के दिवस की घोषणा से भारतीयों की वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगों की ओर से झेली गई पीड़ा और दर्द की याद आएगी।
स्वतंत्रता की मिठास के साथ विभाजन का आघात
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा, ‘स्वतंत्रता दिवस किसी भी राष्ट्र के लिए एक खुशी और गर्व का अवसर होता है, जो हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। हालांकि, स्वतंत्रता की मिठास के साथ विभाजन का आघात भी आया। नए स्वतंत्र भारतीय राष्ट्र का जन्म विभाजन की हिंसक पीड़ाओं के साथ हुआ था, जिसने लाखों भारतीयों पर जख्म के स्थायी निशान छोड़े।’
मंत्रालय ने कहा कि विभाजन का दर्द और हिंसा देश की स्मृति में गहराई से अंकित है। ऐसे में जब देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए आगे बढ़ा है, देश के विभाजन के दर्द को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, ”स्वतंत्रता का जश्न मनाते हुए एक कृतज्ञ राष्ट्र हमारी प्यारी मातृभूमि के उन बेटों और बेटियों को भी सलाम करता है, जिन्हें हिंसा के उन्माद में अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी थी।’ उसने कहा कि विभाजन मानव इतिहास में सबसे बड़े पलायन में से एक का कारण बना और इसने लगभग दो करोड़ लोगों को प्रभावित किया।