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नई दिल्‍ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76वें सत्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन का जिक्र कर पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को बीजेपी और आरएसएस पर आईना दिखाया। उन्‍होंने अपने लंबे संबोधन में एक बार भी पाकिस्‍तान और इमरान खान का नाम नहीं लिया। लेकिन, इशारों में ही उस पर जोरदार हमला किया।

पाकिस्‍तान और इमरान खान का नाम न लेकर पीएम मोदी ने दिखाया कि भारत अब उसे बिल्‍कुल तवज्‍जो नहीं देता है। इसकी जगह प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की उपलब्धियों को गिनाया। संयुक्‍त राष्‍ट्र में सुधार का मुद्दा उठाया। पीएम बोले कि वह उस देश का प्रतिनिधित्‍व कर रहे हैं जिसे ‘मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ का गौरव हासिल है। हमारी विविधता हमारे सशक्‍त लोकतंत्र की पहचान है।

बीजेपी और आरएसएस पर इमरान खान के प्रोपगेंडा का मोदी ने जवाब देते हुए दीनदयाल उपाध्‍याय का जिक्र किया। दीनदयाल उपाध्याय भारतीय जनसंघ के पूर्व नेता, भाजपा के संस्थापक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक थे। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की थी। 1953 में उनका देहांत हो गया था। उनकी मृत्यु के बाद दीनदयाल के कंधों पर जनसंघ की जिम्मेदारी आई और संघर्ष करते हुए उन्होंने ऐसे कार्यकर्ताओं को खड़ा किया जो राष्ट्र का निर्माण कर सकें।

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इमरान को समझाया दीनदयाल का दर्शन
पीएम ने पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय को एकात्‍म मानववाद का प्रणेता बताया। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्‍याय का चिंतन आज बेहद प्रासंगिक है। खास बात है कि उनकी आज जन्‍म जयंती भी है। एकात्‍म मानववाद के सिद्धांत को समझाते हुए पीएम बोले कि यह स्‍व (अपने आप) से समस्‍ति तक विकास और विस्‍तार की सह यात्रा है।

प्रधानमंत्री बोले कि यह समाज से जुड़ने की प्रक्रिया है। यह चिंतन अंत्‍योदय को समर्पित है। अंत्‍योदय को आज की परिभाषा में कहा जा सकता है कि जहां कोई छूटे नहीं। इसी भावना के साथ आज भारत इंटीग्रेटेड, इक्विटेबल और डेवलपमेंट की राह पर बढ़ रहा है। विकास सब तक पहुंचे यही भारत की प्राथमिकता है।

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इमरान खान को जवाब
इसे पीएम मोदी का इमरान खान को जवाब माना जा रहा है। इसके पहले पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री ने रटे-रटाए भाषण में आरएसएस और बीजेपी पर सवाल उठाए थे। इमरान खान ने कहा था कि इस्लामोफोबिया आज दुनिया के सामने बड़ा खतरा है।

इमरान ने हिंदुत्व की विचारधारा को लेकर ‘आरएसएस-बीजेपी’ के खिलाफ जहर उगला और आरोप लगाया कि ये भारत के 20 करोड़ मुसलमानों पर हिंसा करते हैं। इमरान खान ने मॉब लिंचिंग, दिल्ली दंगे, सीएए का हवाला देते हुए कहा था कि भारत में मुस्लिम दहशत के माहौल में हैं। इमरान ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत में हिंदू चरमपंथ बढ़ रहा है। भारत के खिलाफ झूठ की बौछार कर दी।

इमरान खान ने पाकिस्तान को आतंकवाद से पीड़ित दिखाने की भी कोशिश की। साथ ही यह भी कहा कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं है। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात से तो इस्लामाबाद खुद चिंतित है। इमरान खान बार-बार आरएसएस और बीजेपी पर हमला करते रहते हैं। उन्‍होंने दोबारा यूएनजीए में वही किया, जिसकी उम्‍मीद थी।

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