प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में सीनियर ब्यूरोक्रेट अमरजीत सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सिन्हा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में सलाहकार थे। वह सामाजिक क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं को संभालते थे।
बिहार कैडर के 1983 बैच के आईएएस अधिकारी सिन्हा 2019 में ग्रामीण विकास सचिव के तौर पर रिटायर हुए थे। उसके बाद उन्हें पीएमओ में नियुक्त किया गया था।
वह हाल के महीने में पीएमओ से इस्तीफा देने वाले दूसरे वरिष्ठ अधिकारी हैं। इससे पहले मार्च में प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रधान सलाहकार रहे पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने भी इस्तीफा दिया था।
पिछले साल फरवरी में अमरजीत सिन्हा के साथ भास्कर खुलबे को प्रधानमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया गया था। दोनों रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने मंजूरी दी थी। इन्हें सचिव के समान पद और वेतनमान की मंजूरी दी गई थी। अनुबंध के आधार पर ये नियुक्तियां दो साल की अवधि के लिए हुई थीं। अगले आदेश के बाद इसे बढ़ाया जा सकता था। लेकिन, अमरजीत सिन्हा ने समय पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। फिलहाल, उनके इस्तीफे के कारण के बारे में पता नहीं चला है।
इसके पहले मार्च में पीएम नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार पीके सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। पीके सिन्हा ने इस्तीफे के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया था। नृपेंद्र मिश्रा के प्रिंसिपल सेक्रटरी पद से इस्तीफे के बाद 2019 में सिन्हा को पीएमओ लाया गया था।
पूर्व कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रमुख सलाहकार 2019 में नियुक्त किया गया था। सिन्हा को प्रधानमंत्री कार्यालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) नियुक्त किया गया था।
पीके सिन्हा से पूर्व नृपेंद्र मिश्रा ने 2019 में पीएम के प्रमुख सचिव पद से रेजिग्नेशन दिया था। मिश्रा उत्तर प्रदेश कैडर के 1967 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी थे। उन्हें 28 मई 2014 को प्रधानमंत्री का सचिव बनाया गया था। उन्हें पीएम का बेहद करीबी माना जाता था। वह गुजरात सरकार और केंद्र सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।