हाइलाइट्स
- महिला और बाल विकास मंत्रालय की ओर से जल्द आएगा नोटिफिकेशन
- CARA से मिल पाएगा एनओसी, नहीं लगाने पड़ेंगे कोर्ट के चक्कर
- NRI के लिए दो साल तक भारत में ही रहने का नियम भी बदला
अब किसी NRI को बच्चा गोद लेने और उसे विदेश ले जाने में दिक्कत नहीं होगी। हिंदू अडॉप्शन और मेंटेनेंस एक्ट के तहत ऐसी दिक्कतों को दूर करने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय एक नोटिफिकेशन लाने की तैयारी में है, जो एक-दो दिन में आ सकता है। अब तक देश से बाहर किसी बच्चे के अडॉप्शन में हिंदू अडॉप्शन और मेंटेनेंस एक्ट (HAMA) शामिल नहीं था।
दो साल तक भारत में ही रहने का नियम बदला
इस एक्ट के तहत हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख बच्चा अडॉप्ट कर सकते हैं। यह एक पर्सनल लॉ है। इस एक्ट और हेग कन्वेंशन (जो इंटर कंट्री अडॉप्शन के लिए है) में गैप था। इसलिए अगर हिंदू एक्ट के तहत कोई एनआरआई बच्चा गोद लेता था तो उसे बच्चे को देश से बाहर ले जाने के लिए CARA (सेंटर अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी) से एनओसी नहीं मिल पाता था। उन्हें कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ते थे।
अब महिला और बाल विकास मंत्रालय जो नया नोटिफिकेशन लाने की तैयारी कर रहा है उसके बाद CARA हिंदू अडॉप्शन एक्ट के तहत गोद लिए गए बच्चे के लिए भी जेजे एक्ट में गोद लिए गए केस की तरह एनओसी देगा। एनआरआई बच्चे को गोद लेकर जिस देश में ले जाना चाहते हैं, उसमें भी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया साथ साथ शुरू हो जाएगी। सरकार ने एनआरआई के लिए दो साल तक भारत में ही रहने का नियम भी बदला है ताकि पैरंट्स और बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया में दिक्कत ना हो।
दो हफ्ते का नोटिस देकर बच्चे को ले जा सकते हैं विदेश
कोई बच्चा गोद लिया जाता है तो उसे दो साल तक मॉनिटर किया जाता है, यह देखने के लिए कि बच्चा उस परिवार में अडजस्ट कर पा रहा है या नहीं। अब तक यह नियम था कि एनआरआई को मॉनिटरिंग के लिए दो साल तक भारत में ही रहना होगा। लेकिन अब इसे बदला गया है। अब एनआरआई अगर बच्चे को गोद लेते हैं तो वह दो हफ्ते का नोटिस देकर कभी भी बच्चे को अपने साथ विदेश ले जा सकते हैं। अब मॉनिटरिंग का काम उन देशों में इंडियन मिशन करेगा। पैरंट्स को डिप्लोमेटिक मिशन को अड्रेस सहित सारी डिटेल देनी होगी। बच्चे की सुरक्षा के लिए वे जो निर्देश देंगे वह मानने होंगे।
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