Crime News India


Curated by | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Sep 17, 2021, 6:03 PM

18 साल बाद कोई टीम पाकिस्तान का दौरा करती है और बिना कोई मैच खेले ही वापस लौटने वाली है। किसी भी देश के लिए इससे अधिक शर्म की बात क्या हो सकती है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने लाख भरोसा दिलाया लेकिन किसी को उस भरोसे पर कहां यकीन है।

 

SCO Summit 2021: अफगानिस्तान, कट्टरपंथ का जिक्र कर पाक पीएम इमरान खान को सुना गए पीएम मोदी!

Subscribe

नई दिल्ली
अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत आने के बाद जिस तरीके से पाकिस्तान खुशियां मना रहा था, उसे देखकर एक बात कही गई कि इसका नुकसान उसे ही उठाना पड़ेगा। इसका आज पहला उदाहरण भी मिल गया। न्यूजीलैंड टीम ने आज मैच शुरू होने के कुछ मिनट पहले ही सुरक्षा कारणों से मैच नहीं खेलने और वापस लौटने का फैसला कर लिया। जैसे ही यह खबर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान तक पहुंची उन्होंने आनन- फानन में न्यूजीलैंड के पीएम को फोन लगाया लेकिन बात नहीं बनी।

18 साल बाद मिली खुशी मैच शुरू होने 18 मिनट पहले खत्म
पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच वनडे सीरीज का आगाज आज होने वाला था। रावलपिंडी में मैच था और पाकिस्तान खुश था। 18 साल बाद न्यूजीलैंड टीम का दौरा था। न्यूजीलैंड ने इससे पहले 2003 में सीमित ओवरों की सीरीज के लिए पाकिस्ताना का दौरा किया था। हालांकि इसके बाद न्यूजीलैंड की टीम सुरक्षा कारणों से कभी भी पाकिस्तान दौरे पर नहीं आई। 18 साल बाद न्यूजीलैंड टीम के दौरे के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पीसीबी की ओर से भी तैयारी की गई थी। इस दौरे पर न्यूजीलैंड की टीम को 3 वनडे और 5 टी 20 मैच खेलने थे। वनडे के सभी मैच रावलपिंडी में और टी 20 के मैच लाहौर में खेले जाने थे।

Quad Summit : तालिबानी दोस्ती से ब्रिक्स में चीन अकेला, QUAD में नया मोर्चा, मोदी यूं ही नहीं जा रहे अमेरिका
रावलपिंडी में आज वनडे मैच का आगाज होने वाला था और टॉस होने से ठीक 18 से 20 मिनट पहले न्यूजीलैंड टीम ने मैच नहीं खेलने का फैसला किया। न्यूजीलैंड की टीम होटल से अपने कमरे से बाहर ही नहीं निकली। न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए आखिरी वक्त में न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड की ओर से दौरा रद करने का फैसला किया गया। न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड के अधिकारी ने कहा जो इनपुट मिल रहे थे उसके बाद दौरा जारी रखना मुश्किल था। खिलाड़ियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। यह फैसला पाकिस्तान के लिए किसी झटके से कम नहीं है। इमरान खान ने खिलाड़ियों की सुरक्षा और भरोसे की लाख दुहाई दी हो लेकिन यह काम नहीं आया। 18 साल बाद मैदान पर जो खुशी पाकिस्तान को मिलने वाली थी वो मैच शुरू होने के टॉस होने के वक्त से 18 मिनट पहले ही दूर हो गई।

year 2009 Sri lanka team

3 मार्च 2009 भला कौन भूल सकता है वो दिन
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान से कोई टीम सुरक्षा कारणों की वजह से लौटी हो। 3 मार्च 2009 का वह दिन भला कौन भूल सकता है। लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम के करीब श्रीलंकाई टीम के बस पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इस हमले मे कई खिलाड़ी घायल हो जाते हैं। टीम के कप्तान महेला जयवर्धने समेत कई दूसरे खिलाड़ी घायल हो जाते हैं। हमले के बाद टीम के सभी खिलाड़ियों को हेलीकॉप्टर के जरिए स्टेडियम से सीधे निकालकर एयरपोर्ट ले जाया जाता है। वहां से टीम सीधे कोलंबो जाती है। इस घटना का असर इस कदर हुआ और क्रिकेट खेलने वाले देश पाकिस्तान को लेकर इतना डर गए कि अगले दस साल तक किसी भी बड़ी टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया। दस साल बाद 2019 से पाकिस्तान जाने की शुरुआत कुछ टीमों से हुई। श्रीलंका की टीम उसके बाद जिंबाब्वे और साउथ अफ्रीका की टीम ने पाकिस्तान का दौरा किया। पाकिस्तान की जो इमेज बनी उसका खामियाजा उसे क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी को भी उठाना पड़ा। पीसीबी की हालत दिनों दिन खराब होती गई।

SCO Summit 2021 : मोदी ने यूं ही नहीं की कट्टरपंथ की बात, SCO बैठक में पाकिस्तान को दिखाया आईना
न्यूजीलैंड की टीम 2002 में जब पाकिस्तान दौरे पर थी और यह दौरा कम से कम उनको जरूर याद होगा। कराची के जिस होटल में टीम ठहरी हुई थी उसके बाहर ही बम ब्लास्ट होता है और इस हमले में 12 लोगों की जान चली जाती है। टीम के खिलाड़ी इस हमले में बाल-बाल बच गए। हालांकि टीम के फिजियो को कांच का टुकड़ा लग जाने से चोट आई थी। पाकिस्तान के ही एक खिलाड़ी ने इस हमले का जिक्र करते हुए कहा कि न्यूजीलैंड की टीम बिल्कुल डरी हुई थी और अधिकांश खिलाड़ियों की आंखों में आंसू था। दौरा रद हुआ और टीम लौट गई। न्यूजीलैंड की टीम एक बार फिर आज लौटने वाली है।

NZ Team

आने वाले वक्त में शुरू हो जाएगा भरोसे का संकट
पाकिस्तान कुछ भी कहे लेकिन इस बात पर यकीन किसी को नहीं कि आतंक से उसका कोई नाता नहीं है। एक दो उदाहरण नहीं बल्कि ऐसे कई उदाहरण हैं। तालिबान के अफगानिस्तान में आने के बाद जिस तरह से उससे खुशियां छिपाए न छिप रही थी। यह दूसरे देश और वहां के लोग भी देख रहे थे। हक्कानी हो या दूसरे नेटवर्क पाकिस्तान का क्या नाता है सबको पता है।

इमरान खान के लिए तालिबान को पालना पड़ा महंगा, फोन करने के बाद भी न्‍यूजीलैंड का दौरा रद
आज एक देश की क्रिकेट टीम लौटी है लेकिन यह मामला सिर्फ एक टीम के लौटने का नहीं है। पाकिस्तान की इमेज पर जो दाग तालिबान की दोस्ती के बाद लगा है वो आने वाले वक्त में और भी गाढ़ा होगा। भरोसे का संकट पैदा होगा और वह लाख यकीन सुरक्षा का दे लेकिन उसके दावे पर भरोसा शायद किसी को नहीं होगा।



Source link

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *