हाइलाइट्स
- NEET सुपर स्पेशलिटी एग्जाम पैटर्न में आखिरी समय बदलाव पर सुनवाई
- एग्जाम पैटर्न में अंतिम समय बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
- एग्जाम पैटर्न को आखिरी वक्त में बदले जाने के फैसले को दी गई चुनौती
पीजी डॉक्टरों के नीट सुपर स्पेशलिटी कोर्स में दाखिले के लिए एग्जाम पैटर्न में आखिरी वक्त में हुए बदलाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि डॉक्टरों को फुटबॉल की तरह ट्रीट न किया जाए। एग्जाम पैटर्न आखिरी वक्त में नहीं बदला जा सकता है। हम डॉक्टरों को असंवेदनशील ब्यूरोक्रेट की दया पर नहीं छोड़ सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जाम (NBE) को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। इसमें पीजी डॉक्टरों ने एनबीई की ओर से नीट सुपर स्पेशलिटी कोर्स में दाखिले के लिए एग्जाम पैटर्न आखिरी वक्त में बदले जाने के फैसले को चुनौती दी है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले में एनबीई और एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमिशन) के खिलाफ सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि आप हेल्थ मिनिस्ट्री से इस मामले में संपर्क करें और समाधान लेकर आएं। नहीं तो आप सुप्रीम कोर्ट से स्ट्रक्चर पास होने के लिए तैयार रहें।
अगले साल से क्यों नहीं प्रभावी किया जा सकता?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एग्जाम पैटर्न में जो चेंज किया गया है उसे अगले साल से क्यों नहीं प्रभावी किया जा सकता है? जब स्टूडेंट्स ने अपनी तैयारियां पहले से शुरू कर दी हैं तो फिर बीच में ही पैटर्न चेंज क्यों किया गया। पीजी डॉक्टर सुपर स्पेशलिटी कोर्स के लिए तैयारी पहले से शुरू कर चुके थे। आखिरी वक्त में एग्जाम पैटर्न में बदलाव किया गया है। क्यों नहीं इसे अगले साल से किया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने एनबीई और एनएमसी से कहा कि आप क्या कर रहे हैं? हम डॉक्टरों के जीवन संबंधित मामले डील कर रहे हैं। आप नोटिस जारी करते हैं और पैटर्न चेंज कर देते हैं। तब एनबीई के वकील ने कहा कि इसके लिए जरूरी अप्रूवल लिया गया था।
डॉक्टरों को फुटबॉल की तरह ट्रीट न करें
जस्टिस चंद्रचूड़ इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और कहा कि आप डॉक्टरों को पावर गेम फुटबॉल की तरह ट्रीट न करें। आप इस मुद्दे पर मीटिंग करें और अपने घर को ठीक करें। हम डॉक्टरों को असंवेदनशील ब्यूरोक्रेट की दया पर नहीं छोड़ सकते।
बेंच ने एनबीई और एनबीसी से कहा है कि वह हेल्थ मिनिस्ट्री के साथ संपर्क करें और अपने घर को व्यवस्थित करें। यह उनके (डॉक्टरों) करियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण विषय है। आप आखिरी वक्त पर इस तरह का चेंज नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एग्जाम पैटर्न स्टडी के हिसाब से होता है और अगर आप इसे बदल देंगे तो क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने एनबीई और एनएमसी को चेताया कि अगर अथॉरिटी समाधान लेकर नहीं आते हैं तो हम स्ट्रक्चर पास करेंगे। युवा डॉक्टरों के साथ आप संवेदनशील तरीके से पेश आएं। आप उनकी जिंदगी के साथ इस तरह से डील नहीं कर सकते। अगर हम मीटिंग के फैसले से संतुष्ट नहीं हुए तो आप सुप्रीम कोर्ट से स्ट्रक्चर के लिए तैयार रहें। अगले हफ्ते अब अगली सुनवाई होगी।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट में 41 डॉक्टरों की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जाम ने जुलाई में एग्जाम शेड्यूल दिया था और एग्जाम 13 व 14 नवंबर को होना है। इसी बीच 31 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी कर एग्जाम का पैटर्न बदले जाने की बात कही गई है। एग्जाम के आखिरी समय में पैटर्न बदले जाने को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि पिछले तीन सालों से उम्मीदवार पहले के पैटर्न पर तैयारी कर रहे थे और एग्जाम के वक्त पैटर्न चेंज कर दिया गया।