हाइलाइट्स
- केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को महाराष्ट्र सीएम पर विवादित टिप्पणी के आरोप में किया गया था गिरफ्तार
- मंगलवार देर रात न्यायिक अदालत ने दी केंद्रीय मंत्री को जमानत
- नारायण राणे को 15 हजार के मुचलके समेत अन्य शर्तों पर दी गई है बेल
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तार किए गए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार देर रात जमानत दे दी गई। नारायण राणे को रायगढ़ जिले में महाड की एक अदालत ने जमानत दी है। हालांकि उन्हें जमानत कुछ शर्तों के साथ दी गई है। उधर जमानत मिलने के बाद राणे ने ‘सत्यमेव जयते’ ट्वीट किया।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री राणे की टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में उनके खिलाफ चार प्राथमिकी दर्ज की गई थीं। उन्हें रत्नागिरि पुलिस ने मंगलवार को दोपहर बाद गिरफ्तार किया था।
सरकारी वकील ने दिया यह तर्क
गिरफ्तारी के बाद राणे को रात पौने दस बजे न्यायिक दंडाधिकारी शेखबाबासो एस पाटिल की अदालत के समक्ष पेश किया गया। सरकारी वकील भूषण साल्वी ने आगे की जांच के लिए भाजपा नेता राणे को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा धूमिल करने की साजिश रची गई है तो इस मामले की जांच महत्वपूर्ण है।
यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता, तो उनके कान के नीचे बजा देता।
‘जन आशीर्वाद यात्रा’ में नारायण राणे के विवादित बोल
नारायण राणे की सेहत का हवाला
इसका विरोध करते हुए राणे की ओर से पेश अधिवक्ता अनिकेत निकम और भाउ सालुंखे ने तर्क दिया कि उनकी सेहत ठीक नहीं है। राणे की 69 वर्ष की उम्र, डायबटीज और ब्लड प्रेशर होने का हवाला दिया गया।
गिरफ्तारी को बताया गैर कानूनी
निकम ने आगे कहा कि राणे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की जिस धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है, उसमें सात साल से कम की सजा का प्रावधान है, ऐसे में हिरासत अनावश्यक है। उन्होंने यह भी दावा किया कि राणे की गिरफ्तारी गैर कानूनी है क्योंकि उन्हें गिरफ्तार करने से पहले दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत समन नहीं भेजा गया।
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15,000 के मुचलके पर छोड़ा
अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद केंद्रीय मंत्री को पुलिस हिरासत में भेजने से इनकार कर दिया। इसके बजाय उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला किया। लेकिन उनके वकीलों की ओर से जमानत की अर्जी देने पर 15 हजार रुपये के मुचलके पर राणे को जमानत दे दी।
भविष्य में नहीं देंगे इस तरह का कोई बयान
अदालत ने राणे को 30 अगस्त और 13 सितंबर को महाड पुलिस थाने में हाजिरी लगाने का निर्देश दिया। इसके अलावा जमानत की शर्तों में यह शर्त भी शामिल है कि राणे भविष्य में इस तरह का कोई बयान नहीं देंगे।
ऑडियो जांच के लिए आना होगा थाने
राणे के विवादास्पद बयान के ऑडियो की जांच के लिए राणे को एक बार पुलिस स्टेशन में आना होगा। इसके लिए पुलिस उन्हें सात दिन पहले से सूचित करेगी और राणे इसमें सहयोग करेंगे। राणे को चेतावनी दी गई है कि वह दस्तावेजों और सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश ना करें।
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इन धाराओं में दर्ज हुआ राणे पर केस
महाड में राणे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 189 (लोकसेवक को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने) और धारा 504 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) तथा धारा 505 (सार्वजनिक तौर पर शरारत से संबंधित बयान) के तहत मामला दर्ज किया गया।
नारायण राणे ने दिया यह बयान
राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं। राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान कहा, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’
चंद्रकांत पाटिल और नारायण राणे