जाने-माने शायर मुनव्वर राना के दिल में ‘तालिबान’ के लिए गजब की ‘मोहब्बत’ जाग गई है। वह तालिबान के पक्ष में बार-बार विवादित बयान दे रहे हैं। इससे देश में उनके लाखों प्रशंसक भी भड़क गए हैं। गुरुवार को उन्होंने एक और ‘ओछा’ बयान दिया। इसने तमाम हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया। मुनव्वर राना ने महर्षि वाल्मीकि की तुलना तालिबान से कर डाली। यही नहीं, एक टीवी चैनल में बातचीत के दौरान वह हिंदू धर्म पर सवाल खड़े करते दिखे।
तालिबान पर चर्चा के दौरान मुनव्वर राना ने कहा, ‘तालिबान आतंकी हैं पर उतने ही आतंकी हैं जितने रामायण लिखने वाले वाल्मीकी।’ उनसे पूछा गया था कि तालिबानी आतंकी हैं या नहीं? बेहद ‘सड़कछाप’ भाषा का इस्तेमाल करते हुए मुनव्वर राना बोले, ‘अगर वाल्मीकी रामायण ‘लिख देता है’ तो वह देवता ‘हो जाता है’, उससे पहले वह डाकू होता है। इसको क्या कीजिएगा। आदमी का किरदार, उसका कैरेक्टर बदलता रहता है। ‘
जब टीवी चैनल के एंकर ने इस पर आपत्ति जताई कि कम से कम भगवान वाल्मीकि के साथ वह तालिबान की तुलना न करें तो मुनव्वर राना बोले, ‘आपके मजहब (हिंदू धर्म) में तो किसी को भी भगवान कह दिया जाता है। लेकिन, वो एक लेखक थे। ये ठीक है कि उन्होंने एक बड़ा काम किया। उन्होंने रामायण लिखी। हालांकि, यहां मुकाबला करने की बात नहीं है।’
पहले भी जता चुके हैं ‘हमदर्दी’
बुधवार को ‘एनबीटी ऑनलाइन’ के साथ खास बातचीत में मुनव्वर राना ने कहा था कि तालिबान को आतंकवादी या आतंकी नहीं कह सकते, उन्हें अग्रेसिव कहा जा सकता है। तालिबान ने अपने मुल्क को आजाद करा लिया तो क्या दिक्कत है। अपनी जमीन पर कब्जा तो किसी भी तरह से किया जा सकता है।
बंदूक के जोर पर सत्ता में आने से जुड़े सवाल पर मुनव्वर ने कहा था कि इसको उस हिंदुस्तान की तरह सोचा जाए जो अंग्रेजों की गुलामी में था, जिन्होंने उसे आजाद कराया था। उन्होंने भी अपने मुल्क को आजाद करा लिया तो क्या दिक्कत है। इसके बारे में हिंदुस्तानी होकर नहीं सोच सकते हैं।
लोगों का फूटा गुस्सा
मुनव्वर के बयान से लोगों को काफी ठेस पहुंची है। सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन बरखा शुक्ला सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘मुनव्वर राना आप भी एक काम कीजिए। आप भी तालिबान ही चले जाइए। आपके लिए सबसे महफूज जगह तालिबान है।’
अपने बयान के बाद मुनव्वर राना ट्विटर पर ट्रेंड होने लगे। मुनव्वर राना को हैशटैग करते हुए लोगों ने उन पर गुस्सा जताया। ज्यादातर लोगों ने कहा कि मुनव्वर राना को अफगानिस्तान चले जाना चाहिए और तालिबानियों के साथ शायरी करनी चाहिए।
मुनव्वर राना ने ये विवादित बयान ऐसे समय दिया है जब अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद महिलाओं और लोगों के प्रति हिंसा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। इस तरह का भी डर है कि कहीं यह देश अलकायदा जैसे आंतकी संगठनों का पनाहगाह न बन जाए। यह तय है कि वह देश में शरिया कानून लागू करेगा। लोग इसी डर से अफगानिस्तान से भाग रहे हैं। काबुल एयरपोर्ट तो मछली बाजार जैसा बन गया है। लोगों में तालिबान का किस हद तक डर है, यह इस बात से ही समझा जा सकता है कि हाल में कई लोगों ने हवाई जहाज से खुद को बांध लिया था। विमान उड़ने पर उनके गिरने की तस्वीरें शेयर हुई थीं।