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वैक्‍सीन कॉकटेल के ट्रायल में क्‍या होगा?

फिलहाल तमिलनाडु के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (CMC) को वैक्‍सीन कॉकटेल के ट्रायल की अनुमति मिली है। 300 स्‍वस्‍थ वालंटियर्स को कोविशील्‍ड और कोवैक्‍सीन की एक-एक डोज दी जाएगी। ट्रायल दो ग्रुप्‍स में बंटा होगा। पहले ग्रुप वालों को कोवैक्‍सीन पहले लगेगी और दूसरे ग्रुप के लोगों को पहले कोविशील्‍ड दी जाएगी। दूसरे डोज अलग वैक्‍सीन की होगी।

मिक्‍स्‍ड डोज: रिसर्च क्‍या बताती है?

कुछ स्‍टडीज में यह बात सामने आई कि अलग-अलग वैक्‍सीन को मिक्‍स करने से कोविड-19 के खिलाफ ज्‍यादा सुरक्षा मिलती है। स्‍पेन में रिसर्चर्स ने पाया कि लोगों को ऑक्‍सफर्ड-अस्‍त्राजेनेका और फाइजर-बायोएनटेक, दोनों के टीक लगाना सुरक्षित है और बेहतर इम्‍युन रेस्‍पांस ट्रिगर होता है।

ऑक्‍सफर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पाया कि अगर दो टीकों को मिक्‍स किया जाए तो कोई बड़ा खतरा नहीं है। मगर साइड इफेक्‍ट्स जरूर बढ़ सकते हैं। ‘द लैंसेट’ में छपे लेख के अनुसार, रिसर्चर्स ने वालंटियर्स को पहले ऑक्‍सफर्ड-अस्‍त्राजेनेका की डोज दी और उसके बाद फाइजर-बायोएनटेक की। ऐसे लोगों में साइड इफेक्‍ट्स ज्‍यादा दिखे जो कि जल्‍द ही दूर भी हो गए। वैक्‍सीन का क्रम बदलने पर भी नतीजों में बदलाव नहीं दिखा।

बाकी दुनिया में मिक्‍स्‍ड डोज पर क्‍या नियम?

कई पश्चिमी देशों में फाइजर, मॉडर्ना और अस्‍त्राजेनेका की वैक्‍सीन को मिक्‍स करके दिया जा रहा है।

  • कनाडा में वैक्‍सीन की पहली डोज को फाइजर या फिर मॉडर्ना के साथ मिक्‍स किया जा रहा है।
  • अमेरिका ने ‘असाधारण परिस्थितियों’ फाइजर-बायोएनटेक की वैक्‍सीन और मॉडर्ना वैक्‍सीन को 28 दिन के अंतराल पर मिक्‍स करने की अनुमति दे रखी है।
  • यूके में भी मिक्‍स ऐंड मैच कोविड-19 वैक्‍सीन ट्रायल चल रहा है।
  • फिनलैंड में पहली डोज अस्‍त्राजेनेका, दूसरी किसी और वैक्‍सीन की देने की इजाजत।
  • फ्रांस में 55 साल से ज्‍यादा उम्र के लोगों को पहले अस्‍त्राजेनेका (कोविशील्‍ड) की डोज और दूसरी डोज किसी mRNA वैक्‍सीन की देने की बात है।
  • इसके अलावा चीन, रूस नॉर्वे, साउथ कोरिया, स्‍पेन, स्‍वीडन जैसे कई देशों में या तो वैक्‍सीन मिक्सिंग को मंजूरी मिल चुकी है या उसपर ट्रायल चल रहे हैं।



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