हाइलाइट्स
- ममता बनर्जी को 5 नवंबर से पहले बनना होगा विधानसभा सदस्य
- नंदीग्राम विधानसभा सीट से सुवेंदु अधिकारी से हार गई थीं ममता
- ममता बनर्जी के पास पद पर बने रहने के लिए बचे हैं 85 दिन
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हाल में हुए विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम से चुनाव हार गई थीं। टीएमसी से बीजेपी में शामिल हुए कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी ने उनको हराया था। ममता ने अपनी हार को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। गुरुवार को अदालत ने इस मामले की सुनवाई 15 नवंबर तक टाल दी है। सीएम बनने के छह महीने के भीतर ममता को विधायक बनना जरूरी है, ऐसे में अब यह तय हो गया है कि ममता को पद पर बने रहने के लिए किसी और सीट से चुनाव जीतना होगा। ममता के पास 2 महीने 25 दिन बचे हुए हैं।
गौरतलब है कि टीएमसी की तरफ से चुनाव आयोग से बार-बार खाली पड़ी सीटों पर उपचुनाव कराने के लिए कहा जा रहा है। ममता बनर्जी को सीएम बने रहने के लिए 5 नवंबर से पहले विधानसभा का सदस्य बनना होगा। तृणमूल कांग्रेस को डर है कि कोरोना महामारी के चलते अगर उपचुनाव में देर हुई तो ममता को अपने पद से इस्तीफा देना होगा।
भवानीपुर सीट से ममता लड़ेगी चुनाव!
गौरतलब है कि ममता की पारंपरिक सीट भवानीपुर से टीएमसी के शोभनदेव चट्टोपाध्याय चुनाव जीता था। उन्होंने ममता बनर्जी के लिए यह सीट छोड़ दी है। ममता बनर्जी वर्ष 2011 से इस सीट पर दो बार विधायक बन चुकी हैं। सुवेंदु अधिकारी जब टीएमसी छोड़कर बीजेपी में चले गए तो ममता ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। ममता करीब दो हजार वोटों से चुनाव हार गई थीं। ममता ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने बीजेपी के दबाव में गलत चुनाव परिणाम घोषित किया है।
ममता को किसी और सीट से लड़ना होगा चुनाव