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कोलकाता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भबानीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बुधवार को बिगुल बजा दिया है। ममता बनर्जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की साजिश की वजह से उन्हें उपचुनाव लड़ना पड़ रहा है। भवानीपुर के चेतला में तृणमूल कांग्रेस वर्कर्स कन्वेंशन के दौरान केंद्र पर हमला बोलते हुए बंगाल सीएम ने कहा कि वह हमारे साथ राजनीतिक लड़ाई नहीं जीत सकते हैं। इसलिए, जिस तरह उन्होंने कांग्रेस को रोकने के लिए जांच एजेसिंयों की मदद ली, उसी तरह का काम वह हमारे साथ भी कर रहे हैं।

नंदीग्राम में मुझ पर हमले के पीछे साजिश थी-ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने नंदीग्राम में हार का जिक्र करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘केवल भगवान जानता है कि किस तरह ’21 के चुनाव हुए। केंद्र ने झूठ बोला, फिर भी मुझे हरा नहीं पाए। नंदीग्राम में मुझ पर हमले के पीछे साजिश थी। बंगाल को लेकर भ्रमित करने के लिए 1000 गुंडे बाहर से आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भवानीपुर उपचुनाव के लिए 10 सितंबर को नामांकन कराएंगी।

‘राजनीतिक रूप से नहीं लड़ सकते…इसलिए ले रहे एजेंसियों की मदद’
ममता बनर्जी ने आगे कहा, ‘वे राजनीतिक रूप से नहीं लड़ सकते हैं, इसलिए उन्होंने कांग्रेस को एजेंसियों की मदद से रोका। अब मेरे साथ भी वही कर रहे हैं। वे फिर पूछताछ के लिए बुला रहे हैं, लेकिन वास्तव में एक व्यक्ति जिसका नाम नारदा कनेक्शन में सामने आया था उसे नहीं बुलाया जा रहा है।’ दरअसल चुनाव आयोग के भबानीपुर से उपचुनाव की घोषणा के बाद जहां टीएमसी की ओर से चुनाव प्रचार शुरू हो गया है।

लेफ्ट ने घोषित किया कैंडिडेट, कांग्रेस पीछे हटी, बीजेपी अभी असमंजस में
वहीं वाम मोर्चा समिति ने पश्चिम बंगाल के भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए माकपा के श्रीजीब विश्वास को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर कोई भी उम्‍मीदवार न खड़ा करने का फैसला लिया है। बीजेपी अभी तक ममता के खिलाफ चेहरे का चयन नहीं कर पाई है। बीजेपी की कोशिश थी कि भबानीपुर को भी नंदीग्राम की तरह बड़ी जंग बनाया जाए लेकिन ममता के मुकाबले के लिए उसे कोई बड़ा चेहरा नहीं मिल रहा जिस पर दांव लगाया जा सके।

नंदीग्राम से हार गई थीं ममता
भबानीपुर ममता बनर्जी का गढ़ माना जाता है। वह यहां से दो बार विधायक रह चुकी हैं हालांकि इस साल विधानसभा चुनाव में उन्होंने नंदीग्राम को चुना था। यहां उन्हें उनके पूर्व सहयोगी और बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी से 1,956 वोटों से मात मिली थी। वहीं भबानीपुर से टीएमसी के वयोवृद्ध नेता सोबनदेव चट्टोपाध्याय विधायक चुने गए। नतीजों के बाद सोबनदेव ने ममता बनर्जी के लिए अपनी सीट खाली छोड़ दी थी।



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