हाइलाइट्स
- सरकार ने कोविड वैक्सीन की पहचान के लिए कुछ पैरामीटर जारी किए हैं
- पिछले दिनों साउथ ईस्ट एशिया और अफ्रीका में फर्जी कोविशील्ड मिली थी
- वैक्सीन पर लगे लेबल, उसके कलर और ब्रैंड के नाम की जानकारी दी गई है
- भारत में अभी तीन वैक्सीन, कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक लग रही है
नई दिल्लीः देश में लग रहे कोविड टीके (Covid Vaccine) असली हैं या नकली, इसकी पहचान के लिए भारत सरकार ने शनिवार को कुछ पैरामीटर जारी किए। दरअसल हाल में साउथ ईस्ट एशिया और अफ्रीका में फर्जी कोविशील्ड (Fake Covisheild) पाई गई थी। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने नकली वैक्सीन को लेकर अलर्ट किया था। इसे देखते हुए ही सरकार ने यह कदम उठाया है। ये पैरामीटर सभी राज्यों को भेज दिए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लोगों को असली वैक्सीन ही लगाई जा रही है।
यह लिस्ट भारत में लग रही तीनों वैक्सीन को बनाने वाली कंपनियों से मिली जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। इसमें असली और नकली टीकों के बीच अंतर पहचानने के लिए कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पुतनिक वी- तीनों वैक्सीन पर लगे लेबल, उसके कलर और ब्रैंड के नाम की जानकारी साझा की गई है।
कोविशील्ड की पहचान
- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का प्रॉडक्ट लेबल, लेबल का रंग गहरे हरे रंग में होगा
- ब्रैंड का नाम ट्रेड मार्क के साथ (COVISHIELD)
- जेनेरिक नाम का टेक्स्ट फॉन्ट बोल्ड अक्षरों में नहीं होगा
- इसके ऊपर CGS NOT FOR SALE ओवरप्रिंट होगा
ऐसे पहचानें कोवैक्सीन को
- लेबल पर अदृश्य UV हेलिक्स होगा, जिसे सिर्फ यूवी लाइट में ही देखा जा सकता है
- लेबल क्लेम डॉट्स के बीच छोटे अक्षरों में छिपा टेक्स्ट, जिसमें कोवैक्सीन (COVAXIN) लिखा है
- कोवैक्सिन में ‘X’ का दो रंगों में होना, इसे ग्रीन फॉयल इफेक्ट कहा जाता है
स्पूतनिक-वी में ये देखें
- स्पूतनिक-वी वैक्सीन के लेबल कुछ अलग-अलग हैं क्योंकि इन्हें रूस की दो अलग प्लांटों से आयात किया गया है
- हालांकि सभी लेबल पर जानकारी और डिजाइन एक सा ही है, बस मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का नाम अलग है
- अभी तक जितनी भी वैक्सीन आयात की गई हैं, उनमें से सिर्फ 5 शीशियों के पैक वाले गत्ते पर ही इंग्लिश में लेबल लिखा है। इसके अलावा बाकी सभी जगहों पर लेबल रूसी में लिखा है।