हाइलाइट्स
- अलग-अलग ट्रिब्यूनल में वेंकेंसी न भरे जाने से सुप्रीम कोर्ट नाराज
- कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ब्यूरोक्रेसी ट्रिब्यूनल नहीं चाहती
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमें नहीं पता कि सरकार का क्या स्टैंड है
सुप्रीम कोर्ट ने अलग-अलग ट्रिब्यूनल में वेंकेंसी न भरे जाने के मामले में सख्त नाराजगी जताई है और कहा है कि यह बेहद खेदजनक मामला है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह 10 दिनों में अवगत कराए कि सीटों को भरने के लिए क्या कदम उठाए हैं और साथ ही कहा कि उन्हें इस बात का संदेह है कि कुछ लॉबी इस मामले में काम कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह अपना स्टैंड साफ करे कि क्या ट्रिब्यूनल को बनाए रखना चाहती है या बंद करना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ब्यूरोक्रेसी ट्रिब्यूनल नहीं चाहती है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि देश भर के अलग-अलग ट्रिब्यूनल जैसे आर्म्ड फोर्स ट्रिब्यूनल और एनजीटी आदि में जूडिशियल और नॉन जूडिशियल मेंबरों के पद खाली पड़े हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह टॉप अधिकारियों को समन जारी कर सकते हैं यह जानने के लिए कि अर्ध न्यायिक बॉडी में नियुक्ति न करने का कारण क्या है। हम उम्मीद करते हैं कि एक हफ्ते में आप (केंद्र) इस मामले में फैसला लें और हमें अवगत कराएं। सुप्रीम कोर्ट ने आगाह किया अन्यथा हम बेहद गंभीर हैं और हम कारण जानने के लिए टॉप अधिकारियों को तलब करेंगे। अदालत ने कहा कि कृपया आप हमें उस स्थिति के लिए बाध्य न करें।
सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट अमित साहनी ने अर्जी दाखिल कर नैशनल और क्षेत्रिये जीएसटी ट्रिब्यूनल गठित करने की गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रजिस्ट्री ने बताया हैकि 15 ट्रिब्यूनल का गठन किया गया है लेकिन कोई चेयरपर्सन नहीं है। जहां तक नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल का सवाल है तो वहां भी जूडिशियल और तकनीकी मेंबर की जगह खाली हैं।बेंच ने कहा कि रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल, एएफटी और एनजीटी में कई पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं और यह खेदजनक स्थिति है।
अदालत ने कहा कि ट्रिब्यूनल की स्थिति ये है और हमें नहीं पता कि सरकार का क्या स्टैंड है। हम जानना चाहते हैं कि क्या वह ट्रिब्यूनल को जारी रखना चाहते हैं। हमें संदेह है कि कुछ लॉबी है जो पदों को नहीं भरने देना चाहती है। केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें कुछ वक्त चाहिए और वह कोर्ट को स्थिति से अवगत कराएंगे। कुछ मुद्दा कार्यकाल और नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर है।