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हाइलाइट्स

  • देश में एक बार फिर बढ़ने लगे कोरोना के नए मामले
  • कई देशों में मिले कोरोना के ‘म्यू’ वेरिएंट ने बढ़ाई चिंता
  • फिलहाल ‘म्यू’ वेरिएंट के प्रभावों की निगरानी की जा रही है

नई दिल्ली
कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है और तीसरी लहर की आहट की आशंका जताई जाने लगी है। बीते लगातार तीन दिनों से कोरोना के नए मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और 40 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच कोरोना के नए-नए वेरिएंट्स ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। अभी ताजा कोरोना का जो ताजा वेरिएंट मिला है, उसे ‘म्यू’ नाम दिया गया है जिसका वैज्ञानिक नाम B.1.621 है। हालांकि यह कितना खतरनाक हो सकता है, अभी इस बात की निगरानी की जा रही है।

बीते 24 घंटे में कोरोना के 45,352 नए मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बीते 24 घंटों के दौरान देश में कोरोना के 45,352 नए मामले सामने आए हैं और 366 लोगों की मौत हुई है। हालांकि इस दौरान 34,791 लोग कोरोना से मुक्त भी हुए हैं। कोरोना के ऐक्टिव केसों की संख्या एक बार फिर बढ़कर 4 लाख के करीब (3,99,778) हो गई है। वहीं, अबतक 3,20,63,616 लोग कोरोना से निजात पा चुके हैं जबकि 4,39,895 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। बीते 24 घंटे में आए नए मामलों और मौतों में 32,097 नए केस और 188 मौतें अकेले केरल में दर्ज की गई हैं।

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कोरोना के म्यूटेशन और वेरिएंट्स ने बढ़ाई चिंता
कोरोना वायरस के मामले में जो सबसे ज्यादा चिंता की बात है वो इसका म्यूटेशन और इसके नए-नए वेरिएंट्स हैं। कोरोना के ‘डेल्टा’ और ‘एटा’ जैसे वेरिएंट न सिर्फ तेजी से फैलते हैं बल्कि वैक्सीन के असर को भी कम सकते हैं, ऐसी आशंका जताई जा रही है। वहीं, ताजा मिले वेरिएंट ‘म्यू’ के प्रभाव की अभी निगरानी की जा रही है।

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आइए आपको बताते हैं कि अभी तक कोरोना के कितने रूप हमारे सामने आ चुके हैं…

कोरोना के वेरिएंट्स ऑफ कन्सर्न

WHO लेबल वैज्ञानिक नाम पहली बार कहां मिला नामित कब किया गया क्यों है चिंता कारण
अल्फा B.1.1.7 ब्रिटेन, सितंबर 2020 18 दिसंबर 2020 प्रिडोमिनेंट वायरस के मुकाबले तेजी से फैलता है।
बीटा B.1.351 साउथ अफ्रीका, मई 2020 18 दिसंबर 2020 काफी ज्यादा प्रतिरोध दिखाता है।
गामा P.1 ब्राजील, नवंबर 2020 11 जनवरी 2021 कुछ प्रतिरोध दिखाता है, संक्रामकता को भी बढ़ाता है।
डेल्टा B.1.617.2 भारत, अक्टूबर 2020 11 मई 2021 अधिक तेजी से फैलता है।

कोरोना के वेरिएंट्स ऑफ इंट्रेस्ट

WHO लेबल वैज्ञानिक नाम पहली बार कहां मिला नामित कब किया गया क्यों है चिंता का कारण
एटा B.1.525 कई देशों में, दिसंबर 2020 17 मार्च 2021 वैक्सीन के प्रतिरोध की संभावना ज्यादा
इयोटा B.1.526 न्यूयॉर्क (अमेरिका) नवंबर 2020 24 मार्च 2021 अधिक प्रतिरोध करने वाला
कप्पा B.1617.1 भारत, अक्टूबर 2020 4 अप्रैल 2021 अधिक प्रतिरोधक, तेजी से फैलने वाला
लैम्ब्डा C.37 पेरू, दिसंबर 2020 14 जून 2021 कई तरह के म्यूटेशन
म्यू B.1.621 कोलंबिया, जनवरी 2021 30 अगस्त 2021 अभी निगरानी की जा रही है

वेरिएंट्स ऑफ इंट्रेस्ट से डाउनग्रेड किए गए

WHO लेबल वै पहली बार कहां मिला नामित कब किया गया क्यों हैं चिंता का कारण
एप्सिलॉन B.1.4127/B.1.429 कैलीफोर्नियां (अमेरिका), मार्च 2020 5 मार्च 2021 अधिक प्रसार की संभावना
जीटा P.2 ब्राजील, अप्रैल 2020 17 मार्च 2021 अधिक प्रतिरोध की आशंका
थीटा P.3 फिलीपींस, जनवरी 2021 24 मार्च 2021 वेरिएंट्स ऑफ कन्सर्न की तरह कई म्यूटेशन

‘डेल्टा’ वेरिएंट जितना ही संक्रामक है ‘म्यू’
Mu नाम का वेरियंट B.1.621 सबसे पहले इस साल जनवरी में पाया गया था और अब तक 40 से ज्यादा देशों में इसके करीब चार हजार मामले सामने आ चुके हैं। चिंता की बात यह है कि WHO के मुताबिक यह वैक्सीन को बेअसर कर सकता है और ज्यादा संक्रामक भी हो सकता है। WHO का कहना है कि अभी इस वेरियंट की गंभीरता को समझने के लिए और ज्यादा स्टडीज की जरूरत है और इसे ‘वेरियंट ऑफ इंटरेस्ट’ करार दिया गया है। WHO की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जनवरी 2021 में कोलंबिया में पाए जाने के बाद ‘Mu’ वेरियंट के कुछ मामले देखे गए हैं और दक्षिण अमेरिका और यूरोप समेत दूसरे देशों में बड़ी संख्या में भी मामले सामने आए हैं।

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