देश में नॉर्थ ईस्ट राज्यों का विकास मोदी सरकार के अहम अजेंडों में से एक है। नॉर्थ ईस्ट इलाक़े के विकास में टूरिज्म एक गेमचेंजर की भूमिका निभा सकता है। इसके लिए एक मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की जरूरत है। टूरिज्म रोजगार देने की दिशा में एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है। जो नॉर्थ ईस्ट के विकास के साथ ही यहां की इकॉनमी को मजबूत करेगा। यह कहना था केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, जो यहां पूर्वोतर राज्यों के पर्यटन और संस्कृति मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन के शुभारंभ के मौके पर बोल रहे थे।
इसी के साथ उन्होंने नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों से अपने अपने यहां एक टास्क फ़ोर्स बनाने की भी बात कही, जिसमें टूरिज्म और संस्कृति से लेकर केंद्र व राज्यों के विभिन्न विभागों व एजेंसियों को लेकर टास्कफोर्स बनाने की सलाह दी, ताकि आपस में लगातार तालमेल रखा विकास के अजेंडे को आगे बढ़ाया जा सके। इस मौके पर मंत्री ने टूरिज्म के तमाम पहलुओं पर जोर देने की बात भी कही। उनका कहना था कि यहां टूरिज्म की जबरदस्त संभावना है, जिनमें ईको, विलेज, मेडिकल, स्पोर्ट्स, एडवेंचर, गोल्फ़, फ़िल्म, रिवर, बॉर्डर टूरिज्म पर काम किया जा सकता है। उन्होंने इसके लिए मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने की जरूरत बताई।
केंद्र द्वारा नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र को दी जा रही तवज्जो की सामने रखते हुए रेड्डी ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री लगातार यहां आ रहे है। उनका कहना था कि पीएम मोदी के निर्देश पर हर महीने 16 मंत्री पूर्वोत्तर के राज्यों का दौरा करेंगे, ताकि यहां चल रही विभिन्न परियोजनाओं की समुचित मॉनिटरिंग हो सके। उल्लेखनीय है कि केंद्र की ओर से हर राज्य में हर महीने दो मंत्री जाएंगे। जिसमें एक केंद्रीय मंत्री व एक राज्य मंत्री शामिल होगा। इतना ही नहीं, पर्यटन मंत्रालय ने इंटरनेशल टूरिज्म मार्ट इस साल नागालैंड में आयोजित करने की योजना बनाई है। रेड्डी का कहना था कि हर साल वहां होने वाले हॉर्न बिल फेस्टिवल के आसपास इसका आयोजन किया जाएगा।
सम्मेलन के शुभारंभ के मौके पर मौजूद असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा का कहना था कि पूर्वोत्तर के राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रोड, रेल और हवाई कनेक्टविटी को बढ़ावा देना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट के जो टूरिस्ट पॉइंट है, उनकी ब्रांडिंग करनी होगी। नॉर्थ ईस्ट ब्रांड को बढ़ावा देना होगा। सरमा का कहना था कि अगर इस इलाक़े में पूरे पांच साल दृढ़ इरादे के साथ काम किया जाए तो यहां का कायाकल्प हो सकता है।
गौरतलब है कि मंत्रालय ने अपनी स्वदेश दर्शन योजना के तहत नॉर्थ ईस्ट के इलाक़े को 1300 करोड़ रुपए की लागत वाली सोलह योजनाओं को मंजूरी दीं है, जिसमें हेरिटेज, ईको सर्किट, आध्यात्मिक व धार्मिक और ट्राइबल से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। जबकि मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत लगभग 200 करोड़ योजनाओं को हरी झंडी मिली है। इसमें 29.99 करोड़ रुपए की लागत वाले असम के गुवाहाटी स्थित विख्यात कामाख्या मंदिर परिसर का विकास कार्य भी शामिल है।
दो दिवसीय सम्मेलन में केंद्र सरकार की चालू विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा भी की जाएगी। नॉर्थ ईस्ट के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने आईआरसीटीसी के साथ हाथ मिलाया है। जिसके तहत सोमवार को दोनों के बीच एक समझौता भी हुआ।