इस मुददे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह पाकिस्तान की ओर से भारत की छवि खराब करने का एक और प्रयास है ताकि क्षेत्रीय अस्थिरता का ‘केंद्र’ एवं प्रतिबंधित आतंकवादियों का ‘पनाहगाह’ होने में उसकी भूमिका से अंतराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बांटा जा सके।
गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन में शाह महमूद कुरैशी ने हमले की जांच पूरी होने का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया था कि इसके पीछे भारत और अफगानिस्तान हाथ है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा, ‘‘ भारत अंतराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में सबसे आगे रहा है। जहां तक आतंकवाद की बात आती है कि वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान की विश्वसनीयता का पता है।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे में पाकिस्तान को झूठ फैलाने एवं दुष्प्रचार करने के हताशा भरे प्रयासों से लाभ नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि 14 जुलाई को निर्माणाधीन दासू बांध के स्थल पर चीनी इंजीनियरों एवं श्रमिकों को ले जा रहे बस में विस्फोट से 13 लोगों की मौत हो गई थी।