बायोकॉन की संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ को बायोटेक्नोलॉजी में ‘डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी’ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। वहीं, नेस्ले इंडिया के चेयरमैन व एमडी सुरेश नारायणन को मैनेजमेंट में पीएचडी की मानद उपाधि मिली है। दोनों को बेनेट यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में सम्मानित किया गया। मजूमदार-शॉ और सुरेश नारायणन ने समारोह में बतौर ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ शिरकत की।
शॉ ने ग्रेजुएट स्टूडेंट्स को बधाई दी। साथ ही फैकल्टी मेंबर्स की युवा छात्रों को गढ़ने के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘उनका कारोबार नैतिकता की नींव पर खड़ा हुआ है। इसमें पर्यावरण और स्वास्थ्य दोनों ही जुड़े हैं।’
छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘भविष्य के लीडर्स के रूप में मैं आपसे बौद्धिक जिज्ञासा, चुनौती की भावना, उद्देश्य की गहरी भावना और अपने देश में बदलाव लाने के मकसद के साथ बाहर जाने और अपने करियर की राह पर आगे बढ़ने का आग्रह करती हूं।’
इस मौके पर नेस्ले इंडिया के चेयरमैन व एमडी सुरेश नारायणन बोले, ‘मेरे अपने करियर ने मुझे 4C की अहमियत के बारे बताया- करेक्टर, यह आपका करेक्टर ही है जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में आपकी ताकत बनता है। दूसरा कंपिटेंस यानी काबिलियत। तीसरा क्रेडिबिलिटी यानी विश्वसनीयता और चौथा है कंपैशन यानी करुणा। इस गुण वाला लीडर ही आज अपने परिवार को, खुद और अपने कर्मचारियों को सुरक्षित आधार प्रदान कर सकता है।’
बेनेट यूनिवर्सिटी का तीसरा दीक्षांत समारोह रविवार को ऑनलाइन आयोजित हुआ। इसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए। वहीं, NASSCOM की प्रेसीडेंट देबजनी घोष ने ‘स्पेशल गेस्ट’ के रूप में मौजूदगी दर्ज कराई। यूनिवर्सिटी के चांसलर व टाइम्स ग्रुप के एमडी विनीत जैन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। वहीं, वाइस चांसलर डॉ प्रभु अग्रवाल ने यूनिवर्सिटी की एनुअल रिपोर्ट प्रजेंट की।