हाइलाइट्स
- बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तराखंड दौरे पर जाने वाले हैं
- अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के लिए बनेगी रणनीति
- नड्डा की ब्लॉक प्रमुखों से लेकर पूर्व मुख्यमंत्रियों तक से मीटिंग
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दो दिन के उत्तराखंड दौरे पर पार्टी के सभी पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ मीटिंग करेंगे। अगले साल की शुरुआत में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हैं और इन मीटिंग्स में चुनाव की रणनीति पर चर्चा होगी।
इन मीटिंग्स से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष 20 अगस्त को हरिद्वार जाएंगे और वहां साधु-संतों का आशीर्वाद लेंगे। 21 अगस्त को नड्डा देहरादून में राज्य के पूर्व सैनिकों के साथ मीटिंग करेंगे और उनसे चुनाव को लेकर सुझाव लेंगे और समर्थन की अपील करेंगे। पूर्व सैनिकों के साथ यह मीटिंग काफी अहम है क्योंकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने राज्य में एक पूर्व आर्मी ऑफिसर को अपना सीएम उम्मीदवार घोषित किया है।
आम आदमी पार्टी पहली बार उत्तराखंड में चुनाव लड़ेगी। हालांकि, उसने पूर्व आर्मी ऑफिसर को चेहरा बनाकर बड़ा दांव चला है। उत्तराखंड में सेवानिवृत सैनिकों की अच्छी-खासी संख्या है। बीजेपी के एक नेता ने कहा कि बीजेपी पूर्व सैनिकों से बातचीत में बताएगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सेनाओं को ज्यादा मजबूती मिली है।
पार्टी की राज्य इकाई ने नड्डा की 11 मीटिंग प्लान की हैं। बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ब्लॉक प्रमुखों के साथ मीटिंग करेंगे। एक मीटिंग नगर पंचायत प्रमुखों के साथ होगी, मेयर्स के साथ, पार्टी पदाधिकारियों के साथ, पार्टी के महासचिवों के साथ, विधायकों के साथ, सांसदों के साथ, कैबिनेट मिनिस्टर और मुख्यमंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ भी अलग-अलग मीटिंग होगी।
बीजेपी के उत्तराखंड अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि इन मीटिंग्स में पार्टी के सभी नेताओं को शामिल किया गया है। सभी को चुनाव से पहले कई टास्क दिए जाएंगे। ये मीटिंग चुनाव की तैयारियों पर ही की जा रही है। ब्लॉक प्रमुखों से लेकर मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री सभी के सुझाव लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कोर कमिटी की मीटिंग भी होगी।
बीजेपी के लिए यह चुनाव अहम है क्योंकि उसे अब तक का ट्रेंड बदलने की लड़ाई भी लड़नी है। अब तक उत्तराखंड में हर चुनाव में सत्ता बदलती रही है और बीजेपी को इसकी काट भी ढूंढनी है। बीजेपी पांच सालों में राज्य में दो बार सीएम बदल चुकी है। पार्टी के भीतर गुटबाजी भी है। यह सवाल भी है कि बीजेपी राज्य में मौजूदा सीएम को ही मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाकर चुनाव मैदान में उतरेगी या फिर संयुक्त नेतृत्व की बात करेगी। ये इसलिए भी अहम है क्योंकि उत्तराखंड बीजेपी में कई सीएम पद के दावेदार हैं और उनमें से कुछ पूर्व कांग्रेसी हैं।