हाइलाइट्स
- दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने पिछले दिनों दाऊद गैंग से जुड़े कई आरोपियों को गिरफ्तार किया
- पुलिस ने यह भी दावा किया कि यह लोग त्योहार के मौसम में आतंकवादी साजिश करने वाले थे
- क्या क्रिकेट के मैचों की वजह से तो त्योहार के सीजन को आतंकवादी साजिश के लिए नहीं चुना गया?
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने पिछले दिनों अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम के गैंग से जुड़े कई आरोपियों को देश के अलग-अलग शहरों से गिरफ्तार किया। पुलिस ने यह भी दावा किया कि यह लोग त्योहार के मौसम में आतंकवादी साजिश करने वाले थे। त्योहार के मौसम में क्रिकेट के मैच भी होने वाले हैं। क्या क्रिकेट के मैचों की वजह से तो त्योहार के सीजन को आतंकवादी साजिश के लिए नहीं चुना गया?
26/11 केस के मुख्य जांच अधिकारी रमेश महाले ने हमें इस संबंध में महत्चपूर्ण जानकारी दी। महाले के अनुसार, ऐसा पता चला है कि दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपियों में से दो मस्कट से समुद्र के रास्ते पाकिस्तान गए थे। 26/11 के फिदायीन आतंकवादी भी समुद्र के रास्ते मुंबई आए थे, लेकिन आतंकवादियों के मुंबई आने से पहले डेविड हेडली ने मुंबई में कई दिनों तक समुद्र के आसपास रेकी की थी।
…तब मुंबई में 4 जगहों पर की गई थी रेकी
इसके बाद उसने पाकिस्तान स्थित आईएसआई और लश्कर ए तैयबा के हैंडलर्स को क्रिकेट कैलेंडर भी भेजा था, जिसमें नवंबर, 2008 में भारत और इंग्लैंड के बीच होने वाले क्रिकेट मैचों की तारीखों का जिक्र था। डेविड हेडली ने मुंबई में समुद्र से जुड़ी चार जगहों की रेकी की थी। इनमें गेट वे ऑफ इंडिया, येलो गेट, वरली में प्रभादेवी और कोलाबा में बधवार पार्क शामिल था।
डेविड हेडली ने अपनी रेकी में नोट किया कि बाकी जगह पब्लिक की भीड़ बहुत रहती है। गेट वे इंडिया पर पुलिस सिक्यॉरिटी भी रहती है, लेकिन बधवार पार्क में पब्लिक बहुत कम होती है। बधवार पार्क के आसपास ज्यादातर कोली समुदाय के लोग रहते हैं, जो क्रिकेट मैचों के दौरान टीवी देखने में ज्यादा मस्त रहते हैं। इसीलिए इस रास्ते आतंकवादियों की मुंबई में आसानी से एंट्री हो सकती है। 26/11 का दिन बधवार पार्क के जरिए मुंबई में आने के लिए इसलिए चुना गया, क्योंकि उस दिन भारत और इंग्लैंड के बीच राजकोट में वन डे क्रिकेट मैच था।
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त्योहार के मौसम में IPL और T-20 वर्ल्ड कप
दिल्ली पुलिस ताजा मामले में जब आतंकवादियों द्वारा त्योहार के मौसम में देश में बम धमाकों होने की साजिश की बात कर रही है, तो एक अधिकारी के अनुसार, हमें गौर करना चाहिए कि त्योहार के मौसम में ही 19 सितंबर से आईपीएल टूर्नामेंट है, जो 15 अक्टूबर तक चलेगा और ठीक इसके बाद 17 अक्टूबर से टी-20 वर्ल्ड कप है। क्रिकेट मैचों को लाइव टीवी पर देखने में सिर्फ पब्लिक नहीं, कई बार सुरक्षा एजेंसी से जुड़े लोग भी बिजी रहते हैं।
महाले के अनुसार, 26/11 के फिदायीन आतंकवादियों ने मुंबई आने से पहले मुंबई तक की रेकी नहीं की थी, वह जीपीएस की मदद से मुंबई तक पहुचे थे। लेकिन यूपी पुलिस के रिटायर आईजी राजेश पांडे ने हमसे कहा कि दिल्ली पुलिस स्पेशल से जुड़े केस को देखकर लगता है कि आईएसआई ने कुछ लोगों को जानबूझकर समुद्र के रास्ते आने-जाने की प्रैक्टिस करवाई, ताकि भविष्य में 26/11 जैसा हमला दोबारा करवाया जा सके।
पांडे के अनुसार, 26/11 के केस में समुद्र के रास्ते आए आतंकवादी पाकिस्तानी थे, ताजा केस में जिन आतंकवादियों को समुद्र के रास्ते पाकिस्तान भेजा गया, वह ओसामा उर्फ सामी और जीशान कमर भारतीय हैं। 22 अप्रैल को ओसामा मस्कट गया। वहां उसे जिस फ्लैट में रखा गया, वहां जीशान नामक आरोपी पहले से मौजूद था। जल्द ही उनके साथ 15-16 बांग्लोदशी नागरिक भी जुड़ गए, फिर सभी को अलग-अलग समु्द्री रास्तों से पाकिस्तान ले जाया गया और वहां आतंकवादी ट्रेनिंग दी गई। बाद में समुद्र के रास्ते उन्हें वापस मस्कट लाया गया और फिर वहां से प्लेन से वापस भारत भेजा गया।
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पहले नेपाल और बांग्लादेश से भेजे जाते थे युवक
राजेश पांडे कहते हैं, बहुत साल पहले नेपाल और बांग्लादेश की सीमा क्रॉस कराकर आईएसआई काठमांडू और ढाका से प्लेन में बैठाकर भारत से कुछ लड़कों को पाकिस्तानी ट्रेनिंग कैम्प में भेजता था।
पहले से ही आईएसआई की ओर से आरोपियों के फर्जी पासपोर्ट बनवा लिए जाते थे, जिन्हें आईएसआई के लोग अपने पास ही रखे रहते थे। लेकिन उस मोडस ऑपरेंडी में चूंकि अब चेकिंग ज्यादा होती है, सुरक्षा भी ज्यादा चाक-चौबंद है, इसलिए आईएसआई ने भारत में आतंकवादी साजिश के लिए 26/11 जैसी समुद्र के रास्ते वाली मोडस ऑपरेंडी को रिपीट करने का फैसला किया, लेकिन इस बार वह अपनी साजिश में कामयाब नहीं हो पाया।
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