हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के पूर्व प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी की मौत के बाद अलगाववादी नेता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। यह वीडियो पाकिस्तान से गिलानी की मोहब्बत का सबूत है। वह दहाड़े मार-मारकर बोल रहा है- ‘हम पाकिस्तानी हैं, पाकिस्तान हमारा है।’
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह वीडियो क्लिप 2008 की है। इसमें गिलानी को एक सभा को संबोधित करते देखा जा सकता है। इस सभा में हजारों लोग जुटे हैं। गिलानी खुलकर पूरे जोश के साथ बोलता है – ‘हम पाकिस्तानी हैं पाकिस्तान हमारा है’। फिर इस बात को बार-बार दोहराता है। उसके पीछे वहां जुटे लोग भी यही बात दोहराते हैं।
जम्मू-कश्मीर में तीन दशकों से अधिक समय तक अलगाववादी मुहिम का नेतृत्व करने वाले और पाकिस्तान समर्थक सैयद अली शाह गिलानी का बुधवार रात उसके आवास पर निधन हो गया। वह 91 साल का था। गिलानी के परिवार में उसके दो बेटे और छह बेटियां हैं। उसने 1968 में अपनी पहली पत्नी के निधन के बाद दोबारा शादी की थी। अलगाववादी नेता गिलानी पिछले दो दशक से अधिक समय से गुर्दे संबंधी बीमारी से पीड़ित था। इसके अलावा वह बढ़ती आयु संबंधी कई अन्य बीमारियों से भी जूझ रहा था। वह 2010 में श्रीनगर में एक युवक की मौत के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों का चेहरा बन गया था।
इमरान खान, महबूबा मुफ्ती ने जताया शोक
गिलानी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का संस्थापक सदस्य था। उसने 2000 की शुरुआत में तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन किया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलानी के निधन पर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिये शोक व्यक्त किया।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया कि वह गिलानी के निधन की खबर से दुखी हैं। उन्होंने कहा, ‘हम भले ही ज्यादातर चीजों पर सहमत नहीं थे, लेकिन मैं उनकी दृढ़ता और उनके भरोसे पर अडिग रहने के लिए उनका सम्मान करती हूं।’ पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने भी गिलानी के निधन पर शोक व्यक्त किया।
पाकिस्तान ने झंडा झुकाया
पाकिस्तान ने गिलानी के निधन पर गुरुवार को एक दिन का शोक मनाया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, ‘गुरुवार को पाकिस्तान का ध्वज आधा झुका रहेगा और हम एक दिन का आधिकारिक शोक मनाएंगे।’
कश्मीरी पंडितों ने दी यह प्रतिक्रिया
जाने-माने पत्रकार व कश्मीरी पंडित आदित्य राज कौल ने कहा कि गिलानी की मौत कश्मीर में रक्तपात, हिंसा और अलगाववाद के क्रूर अध्याय का अंत है। गिलानी को कश्मीर में मौत और तबाही, पाकिस्तान से लिंक और कश्मीरी युवाओं को पथराव और आतंक में धकेलने के लिए जाना जाएगा। हुर्रियत अब खत्म हो चुकी है।