हाइलाइट्स
- पंजाब कांग्रेस में लंबे समय से चल रही कलह खत्म नहीं हो पा रही
- हरीश रावत ने सिद्धू से अपने सलाहकारों को काबू में रखने को कहा
- पंजाब के चार मंत्रियों और 24 विधायकों ने अमरिंदर के खिलाफ बगावत की
पंजाब कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को सौंपे जाने के बाद भी पार्टी में जारी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। सिद्धू के सलाहकारों के विवादित बयानों को लेकर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह खुलकर विरोध जता चुके हैं। बुधवार को कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने भी कहा कि सिद्धू अपने सलाहकारों को काबू में रखें। इन सलाहकारों का कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है। किसी सलाहकार से कांग्रेस को नुकसान होता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
देहरादून में मीडिया से बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि हमने बड़ी मेहनत से पंजाब में एक आशा का वातावरण पैदा किया है। मेरा कांग्रेस के लोगों से आग्रह है कि इस विश्वास को खंडित न करें। रावत ने स्पष्ट किया कि अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा।
4 मंत्रियों समेत 24 विधायकों ने फूंका बगावत का बिगुल
गौरतलब है कि पंजाब के चार कैबिनेट मंत्रियों और कांग्रेस के कई विधायकों ने मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया था। चार मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी और लगभग 24 विधायकों ने कैप्टन के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया। इन नेताओं ने कहा कि उन्हें कैप्टन पर पर ‘विश्वास’ नहीं है, क्योंकि उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले किए गए वादों को पूरा नहीं किया है। इस घटनाक्रम से पंजाब कांग्रेस में संकट गहराने और अमरिंदर सिंह के खिलाफ खुले विद्रोह के तौर पर देखा जा रहा है।
CM बदलने की जरूरत हो तो बदला जाए: बाजवा
असंतुष्ट नेताओं के एक समूह का नेतृत्व कर रहे बाजवा ने मंगलवार को कहा था कि वे कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात का समय मांगेंगे और उन्हें राजनीतिक स्थिति से अवगत कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि ‘कठोर’ कदम उठाने की जरूरत है और अगर मुख्यमंत्री बदलने की आवश्यकता है तो यह भी किया जाना चाहिए।
अमरिंदर का खेमा भी सिद्धू पर हमलावर
सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी नाराजगी प्रकट कर चुके हैं। उनके खेमे में कहा जा रहा है कि बेवजह सलाहकारों की भीड़ खड़ी कर सिद्धू खुद को ताकतवर दिखाने की कोशिश में हैं। लेकिन इस वजह से पार्टी को चुनाव से पहले ही नुकसान हो रहा है। इधर आला कमान फिलहाल पंजाब में बढ़ रही गर्मी को ठंडी करने की कोशिश कर रहा है।
सलाहकारों के इन बयानों पर शुरू हुआ विवाद
दरअसल, इस सप्ताह की शुरुआत में सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने अपने दावे को लेकर खूब सुर्खियां बटोरी थीं। इसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर एक अलग देश था। भारत और पाकिस्तान दोनों ने उस पर अवैध कब्जा किया था। माली ने सोशल मीडिया पोस्ट में संविधान के आर्टिकल 370 को रद्द करने के मुद्दे पर बात की थी। उन्होंने कहा था कि अगर कश्मीर भारत का हिस्सा था तो आर्टिकल 370 और 35ए हटाने की क्या जरूरत थी। सिद्धू के सलाहकार प्यारे लाल गर्ग ने अमरिंदर सिंह के पाकिस्तान की आलोचना पर सवाल उठाया था।
इंदिरा गांधी का विवादित स्केच किया शेयर
इसके अलावा मलविंदर सिंह माली ने सोशल मीडिया पर देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर एक विवादित पोस्ट शेयर किया है। इस फेसबुक पोस्ट में इंदिरा गांधी का स्केच बनाया गया है। इसमें वो (इंदिरा गांधी) मानव खोपड़ी के ढेर के पास खड़ी हैं। और तो और उनके एक हाथ में बंदूक है और बंदूक की नली पर भी एक खोपड़ी लटकी है।
पंजाब कांग्रेस में कलह जारी