नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि समान नागरिक संहिता की अहमियत और उसकी संवेदनशीलता को देखते हुए देश में इसके कार्यान्वयन के लिए कोई निश्चित समय-सीमा तय करना संभव नहीं होगा। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार की देश में समान नागरिक संहिता को जल्द ही लागू करने की कोई योजना है।
रिजिजू ने इसके जवाब मे कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 कहता है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि विषय की अहमियत और उसमें निहित संवेदनशीलता और तमाम समुदायों से जुड़े ‘पर्सनल’ कानूनों के प्रावधानों के गहन अध्ययन को भी ध्यान में रखते हुए सरकार ने भारत के विधि आयोग से समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न मुद्दों की जांच करने और उस पर सिफारिश करने का अनुरोध किया है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि समान नागरिक संहिता की अहमियत और उसकी संवेदनशीलता को देखते हुए देश में इसके कार्यान्वयन के लिए कोई निश्चित समय-सीमा तय करना संभव नहीं होगा। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार की देश में समान नागरिक संहिता को जल्द ही लागू करने की कोई योजना है।
रिजिजू ने इसके जवाब मे कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 कहता है कि राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि विषय की अहमियत और उसमें निहित संवेदनशीलता और तमाम समुदायों से जुड़े ‘पर्सनल’ कानूनों के प्रावधानों के गहन अध्ययन को भी ध्यान में रखते हुए सरकार ने भारत के विधि आयोग से समान नागरिक संहिता से संबंधित विभिन्न मुद्दों की जांच करने और उस पर सिफारिश करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि इस वजह से मामले में किसी निश्चित समय-सीमा का निर्धारित किया जाना संभव नहीं होगा।