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हाइलाइट्स

  • केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने ‘सोनचिरैया’ ब्रांड लॉन्च किया
  • इसका मकसद शहरी स्वयं-सहायता समूहों के उत्पादों को बढ़ावा देना है
  • देश में 60 लाख सदस्यों के साथ 5.7 लाख से ज्यादा एसएचजी बनाए गए हैं

नई दिल्ली
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने शहरी स्वयं-सहायता समूहों (एसएचजी) के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए ‘सोनचिरैया’ एकल ब्रांड की शुरुआत की है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई। बयान के मुताबिक, मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और एक गरिमापूर्ण जीवन जीने में सहायता करना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है।

उन्होंने कहा, ‘मंत्रालय के अंतर्गत दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) ने शहरी गरीब महिलाओं को पर्याप्त कौशल और अवसर उपलब्ध कराने को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया है। यह शहरी गरीब परिवारों की महिलाओं को एसएचजी और उनके संगठनों में एकजुट करती हैं ताकि इनकी सहायता हो सके।’

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5.7 लाख से ज्यादा एसएचजी
मंत्रालय ने बयान में कहा कि विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 60 लाख सदस्यों के साथ 5.7 लाख से ज्यादा एसएचजी बनाए गए हैं। इनमें से कई एसएचजी आजीविका वाली गतिविधियों जैसे हस्तशिल्प, कपड़े, खिलौने, खाने के सामान आदि के उत्पादन में लगे हुए हैं। इसके मुताबिक, ‘इन्हें मुख्य रूप से आस-पड़ोस के बाजारों में बेचा जा रहा है और इन्हें अक्सर व्यापक बाजार पहुंच में बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इन चुनौतियों से पार पाने के लिए, मंत्रालय ने अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे अग्रणी ई-कॉमर्स पोर्टलों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण है।’



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