कोरोना वायरस का संक्रमण मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में अभी कम नहीं हुआ है। ऐसे में बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने शुक्रवार से शुरू हो रहे गणेश उत्सव (Ganesh Utsav 2021) के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है। इसके तहत सार्वजनिक पंडालों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा समारोह के दौरान जुलूस में भाग लेने वालों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है।
जुलूस में भाग लेने वालों को कोरोना वैक्सीन की दो खुराक जरूरी
इसके अलावा गणेश उत्सव के दौरान जुलूस में भाग लेने वालों को अनिवार्य रूप से कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेनी होगी। इस दौरान भी दूसरी खुराक लिए हुए 15 दिन से अधिक समय होना चाहिए। कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में वृद्धि और महामारी की तीसरी लहर के खतरे के मद्देनजर, बीएमसी ने सार्वजनिक गणपति पंडालों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है और नागरिकों से त्योहार सादगी से मनाने की अपील भी की है।
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ऑनलाइन माध्यम से गणपति के दर्शन करें श्रद्धालु
बीएमसी ने कहा कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए श्रद्धालुओं को सार्वजनिक पंडालों में दर्शन करने से मना किया गया है। यह फैसला लिया गया है कि गणेशोत्सव मंडल श्रद्धालुओं को केबल नेटवर्क, वेबसाइट, फेसबुक या (अन्य) सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शन की सुविधा प्रदान करें।
कंटेंमेंट जोन में गणपति पंडाल के लिए अलग नियम
कोविड-19 कंटेंनमेंट जोन में आने वाले मंडलों को पंडाल परिसर में ही भगवान गणपति की प्रतिमाओं के विसर्जन की व्यवस्था करनी होगी या इसे स्थगित करना होगा। इसी तरह सीलबंद भवनों में श्रद्धालुओं को प्रतिमा विसर्जन की व्यवस्था घर में ही करनी होगी।
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गणपति की मूतिर्यों की ऊंचाई भी तय
बीएमसी ने घर में स्थापित किए जाने वाले गणपति की मूर्तियों की ऊंचाई दो फीट, जबकि सार्वजनिक मंडलों के लिए चार फीट तक सीमित कर दी है। बीएमसी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।