हाइलाइट्स
- देश आज मना रहा है महात्मा गांधी की 152वीं जयंती
- बापू की जयंती के दिन ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा नाथूराम गोडसे
- नाथूराम गोडसे ने ही 30 जनवरी 1948 को बापू की हत्या की थी
आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती है। पूरा देश आज बापू को याद कर रहा है। राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने भी बापू को नमन किया है। इस बीच सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर गांधी जी का हत्यारा नाथूराम गोडसे भी ट्रेंड हो रहा है। ऐसा पहली बार नहीं है। बीते कुछ सालों से गांधी जयंती के मौके पर अक्सर ही ये ट्रेंड देखने को मिलता है।
गांधी जयंती पर क्यों ट्रेंड होने लगता है नाथूराम गोडसे?
अगर आप ऑब्जर्व करेंगे तो पता चलेगा कि हर साल गांधी जयंती या फिर गांधी जी से जुड़ी किसी भी खास तिथि पर नाथूराम गोडसे ट्रेंड करने लगता है। इसके पीछे के मकसद पर ठोस तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन पहली नजर में ही ऐसा प्रतीत होता है कि यह ट्रेंड बापू की छवि को धूमिल करने और उनकी महानता को कमतर साबित करने के उद्देश्य से किया जाता है। ऐसे लोगों के इरादों का पता आप इस तरह भी लगा सकते हैं कि गांधी जयंती के दिन उनका हत्यारा दूसरे नंबर पर ट्रेंड कर रहा है।
आज क्या हो रहा है ट्रेंड?
गांधी जयंती के मौके पर ट्विटर पर आज भी #नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद ट्रेंड हो रहा है। खबर लिखे जाने तक इस हैशटैग से 80 हजार से ज्यादा ट्वीट किए जा चुके हैं। कोई उसे अपने ट्वीट में लीजेंड बता रहा है तो कोई देश और हिन्दुओं को बचाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित कर रहा है, लेकिन इतना साफ है कि इस हैशटैग से होने वाले ट्वीट के जरिए बापू की छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किा जा रहा है।
बीजेपी नेता वरुण गांधी ने जताई नाराजगी
ट्विटर पर #नाथूराम_गोडसे_जिंदाबाद को ट्रेंड होता देख बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने नाराजगी जताई है। उन्होंने लिखा- ‘भारत हमेशा से आध्यात्मिक महाशक्ति रहा, लेकिन यह महात्मा हैं जिन्होंने राष्ट्र के आध्यात्मिक आधार को अपने अस्तित्व के माध्यम से व्यक्त किया और हमें नैतिक अधिकार दिया जो आज भी हमारी सबसे बड़ी ताकत है। जो लोग ‘गोडसे जिंदाबाद’ ट्वीट कर रहे हैं, ये लोग देश को गैर जिम्मेदाराना तरीके से शर्मसार कर रहे हैं।’
कौन है नाथूराम गोडसे?
जब भी नाथूराम गोडसे का नाम आता है तो राष्ट्रपिता की दुखद हत्या याद आ जाती है। गांधीजी के हत्यारे गोडसे को 15 नवंबर, 1949 को फांसी की सजा दी गई थी। शुरू में वह महात्मा गांधी का पक्का अनुयायी था। गांधीजी ने जब नागरिक अवज्ञा आंदोलन छेड़ा तो उसने न सिर्फ आंदोलन का समर्थन किया बल्कि बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लिया। बाद में वह गांधीजी के खिलाफ हो गया। उसके दिमाग में यह बात बैठ गई कि गांधीजी ने अपनी ‘आमरण अनशन’ नीति से हिंदू हितों का बार-बार गला घोंटा है।
महात्मा गांधी की हत्या क्यों की?
गांधीजी की हत्या के बारे में बहुत सी थ्योरियां दी जाती हैं। उस पर कई आर्टिकल लिखे गए हैं और कोर्ट की कार्यवाहियों में भी बार-बार हत्या का जिक्र हुआ है। लेकिन हत्या के पीछे असल कारण क्या था, उसके बारे में अब तक कुछ ठीक-ठीक पता नहीं चल पाया है। किस राजनीतिक पार्टी के इशारे पर ऐसा हुआ, लिखने के लिए काफी स्याही बर्बाद की गई लेकिन कोई भी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सका है। वैसे कहा जाता है कि उसने कई बार पहले भी गांधीजी की हत्या की कोशिश की थी लेकिन कामयाब नहीं हुआ। 30 जनवरी को वह अपने मकसद को पूरा करने में सफल रहा।