हाइलाइट्स
- ईडी की चार्जशीट में अनिल देशमुख के खिलाफ अहम खुलासे
- अनिल देशमुख अक्सर सचिन वझे से बात करते थे
- देशमुख ने सचिन को वसूली रकम पहुंचाने का आदेश दिया था
- सचिन वझे से दो बार में देशमुख के पीए कुंदन शिंदे को दी थी रकम
विशेष पीएमएलए कोर्ट (PMLA Court) में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अनिल देशमुख मामले में फ़ाइल चार्जशीट में अहम खुलासा हुआ है। चार्जशीट में यह कहा गया है कि अनिल देशमुख ने सचिन वझे को 4.6 करोड़ रुपये अपने निजी सहायक कुंदन शिंदे को देने के लिए कहा था। यह रुपये 16 बैग में भरकर मुंबई के सह्याद्रि गेस्ट हाउस और राजभवन के बाहर सचिन वझे ने पहुंचाए थे। अदालत ने इस चार्जशीट का संज्ञान लिया है।
डांस बार से जुटाई रकम
सचिन वझे ने देशमुख के निर्देश पर गैरकानूनी तरीके से यह रकम डांस बार मालिकों से जमा की थी। चार्जशीट में ईडी ने अपनी चार्जशीट में वझे और देशमुख के ट्रस्ट को एक आरोपी की तरह पेश किया है। देशमुख के नागपुर बेस्ड ट्रस्ट जो शिक्षण संस्थान चलाता है।
इसके अलावा उनकी फैमिली के स्वामित्व वाली कंपनी जिसके पास कई सौ करोड़ की जमीन है। ईडी ने देशमुख के प्राइवेट सेक्रेटरी और सरकारी अधिकारी (अडिशनल कलेक्टर) संजीव पलांडे और पीए शिंदे के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।
देशमुख के खिलाफ जांच जारी
ईडी लगातार देशमुख और उनके परिवार के खिलाफ अपनी जांच को आगे बढ़ा रहा है। जांच पूरी होने के बाद ईडी एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट फ़ाइल करेगी। देशमुख लगातार ईडी के समन के बावजूद उंसके समक्ष हाज़िर नहीं हो रहे हैं। जिसके चलते उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है। ताकि वो देश छोड़कर भाग न सकें।
जब ईडी ने देशमुख के घर पर छापेमारी की थी तब उन्होंने देशमुख का स्टेटमेंट भी लिया था। उसके मुताबिक देशमुख ने बताया कि उन्होंने नैतिक आधार पर इस्तीफा दिया है। क्योंकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
देशमुख ने मांगे 2 करोड़
चार्जशीट में यह भी लिखा है कि देशमुख ने वझे से 2 करोड़ रुपये मांगे थे ताकि उसे नौकरी में रखा जाए। क्योंकि एमवीए के कई नेता इस बात से नाराज थे कि एक 15 साल से निलंबित अधिकारी को वापस नौकरी पर रखा जा रहा है। बाद में देशमुख ने वझे से 100 करोड़ रुपये हफ्ता वसूलने के काम पर लगाया था। देशमुख ने अपने आधिकारिक निवास पर यह मांग डीसीपी राजू भुजबल और एसीपी संजय पाटिल से भी की थी। वझे अपनी कार में ही हफ्ते की रकम को रखता था।
चार्जशीट के मुताबिक जनवरी 2021 में देशमुख ने वझे को बुलाकर कहा कि अब तक जो भी पैसा जमा किया है, उसे कुंदन शिंदे को दे दो। जिसके बाद दोनों सह्याद्रि गेस्ट हाउस के बाहर मिले। जहां वझे ने पांच बैग कुंदन को दिए जिसमे 1.6 करोड़ रुपये थे। उस समय शिंदे देशमुख की सफेद मर्सिडीज़ कार में आया था।
देशमुख के सरकारी वाहन से आया शिंदे
फरवरी माह के देशमुख ने फिर से सचिन वझे को फोन करके कहा कि जो भी रकम अब तक जमा हुई है, उसे कुंदन शिंदे को हैंडओवर कर दो। जिसके बाद शिंदे ने वझे को कॉल किया और दोनों राजभवन के पास के सिग्नल पर मिले। उस समय शिंदे देशमुख के सरकारी वाहन से आया था। तब वझे से उसे 11 बैग दिए थे जिसमें 3 करोड़ रुपये थे। देशमुख अक्सर वझे को कॉल किया करते थे।
चार्जशीट से यह पता चला है कि गृहमंत्री रहते हुए अनिल देशमुख ने 4.70 करोड़ रुपये लिए थे। जिसका इस्तेमाल देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख द्वारा किया गया था। उन्होंने रकम का हिस्सा दिल्ली बेस्ड कंपनी को भेजा था। बाद में यह रकम डोनेशन के रूप में श्री साईं शिक्षण संस्थान ट्रस्ट को भेजी गई। इस ट्रस्ट को देशमुख परिवार चलाता है।
अनिल देशमुख